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Mohammad Zubair Case: मोहम्मद जुबैर को SC से बड़ी राहत, 6 मामलों में मिली अंतरिम जमानत, ट्वीट के बदले इतने करोड़ लेने की बात कबूली

Mohammad Zubair Case: 20 जून 2022 को धार्मिक भावनाओं को आहात करने के आरोप में मोहम्मद जुबैर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद ही उन्हें अरेस्ट किया गया और उनकी जमानत ख़ारिज हुई।

नई दिल्ली। ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश के छह अलग-अलग शहरों में दर्ज FIR को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में जुबैर के खिलाफ दर्ज सभी मामले में उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की तरफ से इस मामले में गठित एसआईटी को भी भंग कर दिया है। आपको बता दें कि मोहम्मद जुबैर को 20 हजार रूपये के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दी गई है। जुबैर के खिलाफ यूपी में दर्ज सभी FIR समान धाराओं में होने के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सबको क्लब करने का आदेश जारी किया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने यूपी के अलग-अलग जगहों पर दर्ज सभी 6 मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने का भी आदेश दिया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने एक भी एफआईआर को रद्द करने का आदेश नहीं दिया है लेकिन सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इन एफआईआर को रद्द कराने की मांग के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में अपील करने की छूट दी गई है।

6 जगह दर्ज है FIR

मोहम्मद जुबैर के खिलाफ यूपी के 6 शहरों गाजियाबाद, मुज़फ्फरनगर, चंदौली, लखीमपुर, सीतापुर और हाथरस में FIR दर्ज है। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मोहम्मद जुबैर कोई पत्रकार नहीं है, वह ट्विटर पर जहरीले ट्वीट करने के बदले पैसे लेता था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस की तरफ से इस मामले में एफसीआरए के तहत जांच की जा रही है।

पैसे लेकर ट्वीट करने का आरोप

यूपी सरकार ने याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ऑल्ट न्यूज़ के सह- संस्थापक मोहम्मद जुबैर को सांप्रदायिक सोच को भड़काने के लिए उनके ट्वीट के लिए ग्रेडेड भुगतान किया गया था। यूपी सरकार ने बताया कि ट्वीट जितना खतरनाक और शातिराना होता था, उतनी ही मोटी रकम जुबैर को दी जाती थी। अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जुबैर ने खुद ट्वीट के माध्यम से 2 करोड़ की मोटी रकम लेने की बात स्वीकार की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर के मामले में अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था।

क्या है पूरा मामला ?

आपको बता दें कि ऑल्ट न्यूज़ एक फैक्ट चेकिंग पोर्टल है और मोहम्मद जुबैर इसके सह-संस्थापक हैं। फरवरी 2017 में इस पोर्टल को लॉन्च किया गया था। 20 जून 2022 को धार्मिक भावनाओं को आहात करने के आरोप में मोहम्मद जुबैर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद ही उन्हें अरेस्ट किया गया और उनकी जमानत ख़ारिज हुई। जांच के बाद दिल्ली पुलिस की तरफ से एक स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई जिसमें कहा गया कि जुबैर को उनकी असंवैधानिक गतिविधियों के लिए अरेस्ट किया गया है। जुबैर के सात ट्वीट का भी जिक्र किया गया। इसके बाद यूपी में दर्ज FIR पर जांच एजेंसी ने अपना कदम बढ़ाया।