लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस अब धर्मांतरण और लव जिहाद के खिलाफ ग्रामीण इलाकों में जनजागरण अभियान चलाएगा। इसके अलावा मलिन बस्तियों और अन्य जगह लोगों से मिलकर अस्पृश्यता के खिलाफ भी जागरूकता लाई जाएगी। ये बात लखनऊ में आरएसएस की बैठक में तय हुई है। यूपी की राजधानी के निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में आरएसएस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की तीन दिन से बैठक जारी थी। इस बैठक में तीनों दिन आरएसएस के चीफ मोहन भागवत ने हिस्सा लिया। अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में आरएसएस की ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है।
आरएसएस की लखनऊ में हुई बैठक में रविवार को मोहन भागवत ने कहा कि अगले साल संघ का शताब्दी वर्ष है। ऐसे में हर गांव और बस्ती तक आरएसएस की शाखाओं को ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रौढ़, बच्चों, छात्रों, और व्यापारियों के लिए अलग-अलग शाखा लगाई जाए। मोहन भागवत ने प्रवासी कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा अपने कामकाज के क्षेत्रों में रहने के भी निर्देश आरएसएस की इस बैठक में दिए। मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस का मुख्य काम जनजागरण का है। उन्होंने धर्मांतरण को समाज की समस्या बताया। मोहन भागवत ने कहा कि समाज अपनी समस्या को समझे और इसके खिलाफ आगे आए।
धर्मांतरण पर मोहन भागवत ने आरएसएस की बैठक में कहा कि समाज जब जागेगा, तो धर्मांतरण और लव जिहाद के मामले अपने आप खत्म होंगे। उन्होंने कहा कि समाज को जगाने के लिए हर बस्ती में आरएसएस की शाखा खोलना जरूरी है। मोहन भागवत ने आरएसएस पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस काम में जुटें। साथ ही कहा कि राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के खिलाफ भी आम लोगों को जागरूक करें। उन्होंने पिछड़ी और मलिन बस्तियों पर फोकस करने के लिए कहा। इसके अलावा मोहन भागवत ने समाज के हर वर्ग तक भी आरएसएस की पहुंच बनाने के निर्देश दिए।