नई दिल्ली। भारत में मंकीपॉक्स वायरल संक्रमण का पहला मामला सामने आ गया है। दिल्ली में कल आइसोलेट किए गए संदिग्ध व्यक्ति की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और उसमें मंकीपॉक्स वायरस की पुष्टि हुई है। हालांकि सरकार का कहना है कि वायरस की पहचान क्लैड 2 वैरिएंट के रूप में हुई है, जो डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी की गई आपात स्थिति में नहीं आता है, इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं है। आज ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंकीपॉक्स को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एडवाइजरी जारी की गई थी। इस एडवाइजरी में केंद्र सरकार ने राज्यों से सतर्क रहने और स्क्रीनिंग तथा कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए जोर दिया गया है।
India has confirmed a suspected monkeypox case in a traveler, identified as the Clade 2 variant, not part of WHO’s emergency. $GOVX pic.twitter.com/eOyO45z9mK
— AMN (@alphamarketnews) September 9, 2024
जिस व्यक्ति में मंकीपॉक्स वायरस की पुष्टि हुई है वो हाल ही में विदेश से वापस आया है। फिलहाल मरीज की हालत स्थिर है और संबंधित प्रोटोकॉल के अनुरूप ही उसका इलाज किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग उन लोगों की भी पहचान करने में जुटा है जो इस पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं। इसके अलावा विदेश से आने के बाद वह व्यक्ति कहां कहां गया इसके लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग कराई जा रही है ताकि यह पता चल सके कि बीमारी के लक्षण किसी और व्यक्ति में तो नहीं दिख रहे। आपको बता दें कि मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार के साथ मांसपेशियों और पीठ में तेज दर्द की समस्या हो सकती है। शरीर पर चकत्ते भी पड़ सकते हैं और कई मामलों में तेज सिरदर्द की भी संभावना होती है। पीड़ित व्यक्ति में बुखार 5 से 21 दिनों तक रह सकता है।
ये लक्षण वायरस की चपेट में आने के 3 से 17 दिन के बाद तक दिखाई पड़ सकते हैं। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) मंकीपॉक्स को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर चुका है। इस बीमारी के सबसे ज्यादा मामले कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में सामने आ रहे हैं। इसके अलावा पूर्वी अफ्रीकी देशों जैसे केन्या, रवांडा, बुरुंडी और युगांडा में भी मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 2022 से अब तक दुनियाभर में 99 हजार से ज्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं।