भोपाल। मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग की कार्रवाई से भाजपा और कांग्रेस, दोनों दलों की हालत पस्त नजर आ रही है। जहां पहले विवादित बयान देने के मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से बाहर कर दिया था वहीं अब आयोग ने राज्य की भाजपा सरकार में मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार इमरती देवी पर प्रचार के लिए बैन लगा दिया है। बता दें कि इमरती देवी आज प्रचार नहीं कर सकेंगी। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन पर इमरती देवी के प्रदेश में कहीं भी एक नवंबर को एक दिन के लिए सार्वजनिक सभाओं, जुलूसों, रैलियों, रोड शो में भाग लेने और मीडिया साक्षात्कार देने पर रोक लगाई है। आदेश में आचार संहिता का उल्लंघन करने का हवाला देते हुए कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत मिली शक्तियों के आधार पर निर्वाचन आयोग बीजेपी प्रत्याशी इमरती देवी पर मध्य प्रदेश में कहीं भी किसी भी तरह की जनसभा, जुलूस, रैलियां, रोड शो और मीडिया साक्षात्कार के साथ सार्वजनिक बयान जारी करने पर रोक लगाता है।
बता दें कि प्रदेश में आज उपचुनाव को लेकर प्रचार करने का आखिरी दिन है, आज से मध्य प्रदेश में प्रचार थम जाएगा। इससे पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई की थी। आयोग ने कमलनाथ का नाम स्टार प्रचारकों से हटा दिया था। आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई की थी।
इसके अलावा वहीं, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम द्वारा 27 अक्टूबर को मुरैना में एक सार्वजनिक रैली में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने पर चुनाव आयोग ने 48 घंटे के अंदर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है।
वहीं कमलनाथ पर हुई चुनाव आयोग की कार्रवाई को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा है कि, “स्टार प्रचारक की सूची का अधिकार राजनीतिक दलों का है, केंद्रीय चुनाव आयोग का नहीं है। उन्होंने अपनी गाइडलाइंस का उल्लंघन किया है।” दिग्विजय सिंह का कहना है कि, चुनाव आयोग इस तरह के कदम नहीं उठा सकती, क्योंकि ये उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। वहीं दिग्विजय सिंह ने उल्टे चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि आयोग ने गाइडलाइंस का उल्लंघन किया है।