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Gangster Mukhtar Ansari Convicted: योगी सरकार की पैरवी से मिट्टी में मिला गैंगस्टर मुख्तार अंसारी का गुरूर, 256 दिन में पांचवीं बार सजा

Gangster Mukhtar Ansari Convicted: उत्तर प्रदेश में कभी जिस मुख्तार की खुलेआम तूती बोला करती थी, योगी राज में उसकी कमर पूरी तरह से टूट चुकी है। यूपी पुलिस की ओर से अदालत में पूरी सक्रियता के साथ माफिया के खिलाफ पैरवी को आगे बढ़ाया जा रहा है। साथ ही गवाहों को अपनी सुरक्षा की गारंटी मिल रही है, जिसके बाद कोर्ट में चल रहे मुकदमों में माफिया मुख्तार को हर बार मुंह की खानी पड़ रही है।

लखनऊ। योगीराज में माफिया मुख्तार अंसारी के आतंक के साम्राज्य पर एक और बड़ा प्रहार हुआ है। वहीं 5 जून, सोमवार का दिन योगी सरकार द्वारा प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों में एक और बड़ी उपलब्धि के रूप में दर्ज हो गया है। योगी सरकार द्वारा विभिन्न मामलों में तेज पैरवी के चलते माफिया सरगना मुख्तार अंसारी को एक के बाद एक मामले में सजा मिल रही है। दरअसल, वाराणसी चेतगंज थाना क्षेत्र में करीब 31 साल 10 महीने पहले बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड में सोमवार माफिया सरगना मुख्तार अंसारी को एमपी/एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दे देते हुए उम्रकैद की सजा और एक लाख बीस हजार का जुर्माना लगाया है। पिछले आठ माह में पांचवीं बार माफिया मुख्तार अंसारी को सजा सुनायी गयी है। उत्तर प्रदेश में कभी दहशत का पर्याय रहा माफिया अंसारी आज सपरिवार सलाखों के पीछे अपने कुकर्मों की सजा भुगत रहा है।

don mukhtar ansari

कभी बोलती थी तूती, आज कट रहा सलाखों के पीछे जीवन

उत्तर प्रदेश में कभी जिस मुख्तार की खुलेआम तूती बोला करती थी, योगी राज में उसकी कमर पूरी तरह से टूट चुकी है। यूपी पुलिस की ओर से अदालत में पूरी सक्रियता के साथ माफिया के खिलाफ पैरवी को आगे बढ़ाया जा रहा है। साथ ही गवाहों को अपनी सुरक्षा की गारंटी मिल रही है, जिसके बाद कोर्ट में चल रहे मुकदमों में माफिया मुख्तार को हर बार मुंह की खानी पड़ रही है। प्रदेश की विभिन्न अदालतें मुख्तार को एक के बाद एक उसके गुनाहों की सजा सुना रही हैं। यह योगी सरकार की अपराध और अपराधियों के खिलाफ नीति का ही असर है कि माफिया मुख्तार की पूरी सल्तनत डगमगा गई है। मालूम हो कि माफिया मुख्तार पर हत्या के 8 मुकदमों सहित कुल 61 मामले दर्ज हैं। इसमें से दर्जनों मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं जबकि पिछले आठ माह में पांचवीं बार मुख्तार को सजा सुनाई गई है। वहीं योगी सरकार में माफिया मुख्तार और उसके 288 सदस्यों के खिलाफ अब तक सख्त कार्रवाई हो चुकी है, जिसमें कुल 155 मुकदमे दर्ज करते हुए 202 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें से 6 सदस्यों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून तथा 156 अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत कार्यवाही की गयी। इतना ही नहीं 586 करोड़ से अधिक की संपत्ति का जब्तीकरण, ध्वस्तीकरण और अवैध कब्जे से मुक्त करायी गयी। इसके साथ ही मुख्तार से संबंधित 2100 करोड़ से अधिक के अवैध व्यवसाय एवं टेंडर बंद कराए गए।

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मुख़्तार की पत्नी और बेटा उमर चल रहा फ़रार जबकि बड़ा बेटा और उसकी पत्नी सलाखों के पीछे

अंसारी परिवार में मुख्तार, उसका बेटा अब्बास अंसारी, अब्बास की पत्नी निखत बानो जेल के सलाखों के पीछे हैं जबकि मुख्तार की पत्नी अफसा अंसारी और बेटा उमर अंसारी फरार चल रहा है। मुख्तार का बेटा अब्बास अंसारी मनी लांड्रिंग के केस में सलाखों के पीछे है। मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी, छोटा बेटा उमर अंसारी भी कई मामलों में फंसे हुए हैं और इस समय फरार चल रहे हैं जबकि मुख्तार की बहू निखत अंसारी जेल में है। ये वही बड़े माफिया हैं जो पहले की सरकारों में खुलेआम छाती ठोककर किसी किंग की तरह जीते थे और अपना अत्याचार प्रदेश की जनता पर बेखौफ होकर करते थे। ये माफिया जब खुलेआम घूमते थे तो लगता था कि ‘कानून की सड़क’ उसकी चौखट तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाती है। लोगों के मन मस्तिष्क में एक बोर्ड लग गया था। इनके आगे ‘पुलिस, कोर्ट, कचरी और न्याय जैसे शब्दों की सीमा समाप्त हो जाती थी। लोग माफिया को माननीय का ‘पर्यायवाची’ समझने लगे थे, लेकिन योगी सरकार ने माफिया को उसकी सही जगह बताई। पहली बार इन मुख्तार परिवार के चेहरे पर सरकार और कानून का डर दिखा। देश और प्रदेश की जनता ने यह भी देखा कि अभियोजन और पुलिस का बेहतर समन्वय हो और कोर्ट में प्रभावी पैरवी की जाए तो बड़े से बड़े अपराधी को अपने गुनाहों का हिसाब देना पड़ता है और उसे उसकी सही जगह यानी जेल जाना ही पड़ता है। यह सजा उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए नजीर है। योगी सरकार की कोर्ट में प्रभावी पैरवी का ही नतीजा है कि एक के बाद एक प्रदेश के अपराधियों को सजा मिल रही है और प्रदेश में कानून का राज स्थापित हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की कमान संभालते ही प्रदेश में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराध और अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया। इसका परिणाम हम सबके सामने है कि आज प्रदेश माफिया और अपराधियों से पूरी तरह से भय मुक्त हो गया है। मालूम हाे कि योगी सरकार में पहली बार इससे पहले भी माफिया मुख्तार को सजा हो चुकी है।

21 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सुनायी थी सजा

बीते 8 महीनों में बाहुबली माफिया मुख्तार को 5 बार सजा सुनाई गई। 256 दिन पहले यानी कि 21 सितंबर 2022 को मुख्तार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 7 साल और अगले ही दिन 23 सितंबर को वही जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने गैंगस्टर मामले में 5 साल की सजा सुनाई। 85 दिन बाद यानी 15 दिसंबर 2022 को मुख्तार को कांग्रेस नेता अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय मर्डर और एडिशनल एसपी पर हमले समेत कुल 5 मामलों में 10 साल की सजा हुई। इसके बाद करीब 135 दिन बाद चौथी बार मुख्तार अंसारी को गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने वर्षों पुराने गैंगस्टर केस में मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना हुआ जबकि उसके भाई अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा और 1 लाख रुपए के जुर्माने की सजा हुई। वहीं आज 36 दिन बाद वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने वाराणसी चेतगंज थाना क्षेत्र में करीब 31 साल 10 महीने पहले बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड में माफिया मुख्तार अंसारी को सजा सुनायी।

इन मामलों में मुख्तार को हुई सजा

– 21 सितंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंड पीठ ने साल 2003 में जेलर एसके अवस्थी को धमकाने के एक मामले में सजा सुनाई थी। इस मामले में जेलर अवस्थी ने जेल में मुख्तार से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश दिया था। इस पर मुख्तार ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। साथ ही उनके साथ गाली-गलौज करते हुए उन पर पिस्तौल भी तान दी थी।

– 23 सितंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 1999 में दर्ज हुए गैंगेस्टर एक्ट के मामले में उसे पांच साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने 23 साल पुराने इस मामले में मुख्तार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। मालूम हो कि जेल में सुधार के लिए चर्चित जेल अधीक्षक रमाकांत तिवारी की चार फरवरी 1999 को हत्या कर दी गई थी। वह तत्कालीन जिलाधिकारी सदाकांत के आवास से बैठक कर शाम सात बजे लौट रहे थे। राजभवन के पास पहुंचते ही बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं, जिससे उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी, तत्समय चर्चित छात्र नेता वर्तमान में अयोध्या गोसाईगंज से सपा विधायक अभय सिंह समेत दर्जन भर से अधिक लोग नामजद हुए थे।

allahabad high court

– गाजीपुर की एमपी-एमएलए गैंगस्टर कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में 15 दिसंबर को मुख्‍तार अंसारी को दस साल जेल की सजा सुनाई है। साथ ही पांच लाख का जुर्माना भी लगाया है। मुख्‍तार के साथी भीम सिंह को भी दस साल कैद की सजा के साथ 5 लाख जुर्माने की सजा मिली है। गैंगस्टर एक्ट का यह मामला मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह पर गाजीपुर की सदर कोतवाली में 1996 में दर्ज हुआ था।

– गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के लगभग 15 वर्ष पुराने मामले में दोषी करार देते हुए मुख्तार अंसारी को 10 साल और 5 लाख का जुर्माना जबकि उसके भाई अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा और 1 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। गाजीपुर में वर्ष 2005 में मुहम्मदाबाद थाना के बसनिया चट्टी में भाजपा के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या की गई थी। मामले में अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी पर 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद से अफजाल अंसारी जमानत पर है।

– वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने करीब 32 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने एक लाख बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। 3 अगस्त 1991 को वाराणसी के लहुराबीर में अवधेश राय की उनके घर के बाहर ही हत्या कर दी गई थी। हथियारबंद अपराधियों ने संभलने का मौका दिए बिना ही ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर अवधेश को मौत के घाट उतार दिया। वारदात के वक्त छोटे भाई अजय राय भी वहीं थे। जहां मर्डर हुआ, वहां से चेतगंज थाना बस थोड़ी ही दूरी पर है। अवधेश राय को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। अजय राय की तरफ से इस मामले में नामजद आरोपी मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह और राकेश समेत अन्य हैं।