newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे रुकवाने फिर कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष, जानिए अब कौन सी दलील दी

एएसआई ने इस बीच बीते 7 दिन में ज्ञानवापी मस्जिद का काफी सर्वे कर लिया है। मुख्य गुंबद, पश्चिम की दीवार, हॉल और एक तहखाने को एएसआई की टीम ने देखा। एएसआई की टीम के साथ आईआईटी कानपुर के भी विशेषज्ञ हैं। आईआईटी के विशेषज्ञ ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार सर्वे में एएसआई की मदद करेंगे।

वाराणसी। यूपी के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे 8वें दिन भी जारी है। एएसआई की टीम ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार समेत तमाम आधुनिक यंत्रों से ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कर रही है। इस बीच, मुस्लिम पक्ष एक बार फिर वाराणसी के कोर्ट पहुंचा है। मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में एक बार फिर एएसआई के सर्वे पर रोक लगाने की अर्जी दी है। मुस्लिम पक्ष इससे पहले एएसआई का सर्वे कराने के खिलाफ था। तब उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। दोनों ही जगह से सर्वे को हरी झंडी दिखाई गई थी। अब मुस्लिम पक्ष ने एएसआई सर्वे बंद कराने के लिए नई दलील दी है।

gyanvapi masjid in varanasi

मुस्लिम पक्ष का आरोप है कि कोर्ट ने कहा था एएसआई के सर्वे से जुड़ी कोई रिपोर्टिंग मीडिया में नहीं होगी। एएसआई के लोग मीडिया से सर्वे के बारे में बात भी नहीं करेंगे। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ऐसे मामले सोशल मीडिया पर नहीं चलने चाहिए। इससे शांति भंग की आशंका है। मुस्लिम पक्ष ने 5 बिंदुओं पर एएसआई का सर्वे रोकने की मांग कोर्ट से की है। उनका कहना है कि बिना फीस दिए सर्वे हो रहा है। सर्वे में कई तरह की खामी भी मुस्लिम पक्ष बता रहा है। कोर्ट ने अभी मुस्लिम पक्ष की अर्जी के आलोक में एएसआई के सर्वे पर रोक नहीं लगाई है। 17 अगस्त तक हिंदू पक्ष को कोर्ट में जवाब देना है। उसी तारीख को अब सुनवाई होगी।

Varanasi Gyanvapi Case

एएसआई ने इस बीच बीते 7 दिन में ज्ञानवापी मस्जिद का काफी सर्वे कर लिया है। मुख्य गुंबद, पश्चिम की दीवार, हॉल और एक तहखाने को एएसआई की टीम ने देखा। एएसआई की टीम के साथ आईआईटी कानपुर के भी विशेषज्ञ हैं। आईआईटी के विशेषज्ञ ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार सर्वे में एएसआई की मदद करेंगे। इस यंत्र से जमीन के नीचे 10 मीटर तक की चीजें दिखेंगी। एएसआई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कहीं भी खोदाई या तोड़फोड़ न करने को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने कहा है।