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मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामला: मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा,फैसला सुनते ही रो पड़ा दरिंदा

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में दिल्ली के साकेत स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट ने मंगलवार को गैंगरेप के मुख्य दोषी ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई।

नई दिल्ली। मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में दिल्ली के साकेत स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट ने मंगलवार को गैंगरेप के मुख्य दोषी ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई। अब वह ताउम्र सलाखों के पीछे रहेगा। सजा का ऐलान होते ही ब्रजेश ठाकुर रो पड़ा।  बता दें, साकेत कोर्ट ने इस मामले में 19 को दोषी करार दिया था। कोर्ट में दोषियों को बारी-बारी से सजा सुनाई जा रही है।

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बता दें कि दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट ने चार फरवरी को सजा पर बहस पूरी कर ली थी और उसके बाद 11 फरवरी सजा की तारीख तय की गई थी। इस पूरे मामले की जांच सीबीआइ ने की थी और जांच की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी और दोषियों को अधिकतम सजा की गुहार लगायी थी

गौरतलब है कि TISS (Tata institute of social sciences) की विंग ‘कोशिश’ की रिपोर्ट में बालिका गृह कांड का खुलासा हुआ था, जिसकी रिपोर्ट चौंकाने वाली थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि बालिका गृह में करीब 40 से अधिक बच्चियों के साथ यौनशोषण किया गया था। नाबालिग बच्चियों ने जो बताया था वो बातें रोंगटे खड़े करने वाली थी। इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद तहलका मच गया था।

इनको सुनाई जा रही सजा 

ब्रजेश ठाकुर, रवि रोशन, विकास कुमार, दिलीप कुमार, विजय तिवारी, गुड्डू पटेल, कृष्णा राम, रामानुज ठाकुर उर्फ मामू, रमाशंकर सिंह उर्फ मास्टर, अश्विनी, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु, इंदु कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी और रोजी रानी को सजा सुनाई जा रही है। ब्रजेश ठाकुर समेत 4 को चार्जशीट की सभी मूल धाराओं के अलावा गैंगरेप की धारा में सजा सुनाई जा रही है। गैंगरेप की धारा में उम्र कैद का प्रावधान है।

Brajesh Thakur Muzzafarpur Shelter house

फिलहाल दो बरी

मधु का रिश्तेदार विक्की सभी आरोपों से बरी हुआ है, जबकि जिला बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी को जेजे एक्ट की धारा 75 के तहत दोषी पाते हुए उन्हें बॉन्ड पर मुक्त कर दिया गया था। किशोरियों से दुष्कर्म के षड्यंत्र में शामिल बालिका गृह की महिला कर्मचारियों को दोषी पाया गया है। इसके लिए धारा 120 बी के तहत कानून में दुष्कर्म के बराबर ही सजा का प्रावधान