तब्लीगी जमात ने जो तालिबानी जुर्म किया, उसे माफ नहीं किया जा सकता : नकवी
नकवी ने तब्लीगी जमात की तुलना तालिबानी जुर्म से करते हुए कहा कि इसे किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जा सकता।
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दिल्ली के निजामुद्दीन में मनाही के बावजूद तब्लीगी जमात के आयोजन के बाद दो दर्जन कार्यकर्ताओं के कोरोनावायरस की चपेट में आने पर बुधवार को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। नकवी ने तब्लीगी जमात की तुलना तालिबानी जुर्म से करते हुए कहा कि इसे किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जा सकता।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “यह शुद्ध रूप से तब्लीगी जमात का तालिबानी जुर्म है। इन लोगों ने कितने लोगों की जिंदगियों को खतरे में डाला हैए इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। जब पूरा देश कोरोना के खिलाफ एकजुट हुआ हैए तब इस तरह के आयोजन को आपराधिक लापरवाही कहा जाएगा। इसे कहीं न कहीं जानबूझकर किया गया है।”
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “देश ही नहीं दुनिया की मस्जिदों में नमाजें नहीं हो रही हैं। उमरा नहीं हो रहा है। सभी लोग ईमानदारी से सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कर रहे हैं। बावजूद इसके तब्लीगी जमात के लोगों ने सबको आफत में डाला है। इसीलिए इसे हम तालिबानी कृत्य कहते हैं। इन्होंने सबसे ज्यादा उन लोगों का नुकसान किया है, जिनके बीच घूमे हैं। जहां-जहां ये लोग गए, सबको संदेह के घेरे में ला दिए हैं।”
नकवी ने कहा कि जो भी संस्थाएं इस समय सरकार के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर रही हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी जरूरी है, क्योंकि कोरोना की चुनौती बहुत बड़ी है।