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BJP And NDA In Rajya Sabha: बीजेपी की जबरदस्त जीत से राज्यसभा में बहुमत के करीब पहुंचा एनडीए, जानिए विपक्ष के पास कितने सांसद

BJP And NDA In Rajya Sabha: राज्यसभा का कार्यकाल लोकसभा से अलग होता है। लोकसभा के सांसद का कार्यकाल जहां 5 साल तक के लिए तय है और सदन बीच में भंग होने पर सदस्यता चली जाती है। वहीं, राज्यसभा में एक-तिहाई सदस्य हर 6 साल में रिटायर होते हैं।

नई दिल्ली। 15 राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों का चुनाव हो चुका है। इन चुनावों से राज्यसभा में बीजेपी और एनडीए बहुमत के करीब पहुंच चुके हैं। इस बार जिन 56 राज्यसभा सीटों का चुनाव हुआ, उनमें से 30 पर बीजेपी ने कब्जा जमाया है। इससे राज्यसभा में बीजेपी के सांसदों की संख्या बढ़कर 97 होने वाली है। इनमें 5 नॉमिनेट वाले सदस्य भी हैं। वहीं, एनडीए का आंकड़ा बढ़कर 117 होने जा रही है। राज्यसभा में सीटों की संख्या 240 है। ऐसे में बहुमत के लिए 121 सांसद चाहिए। बीजेपी और एनडीए के पास इस बहुमत से सिर्फ 4 सांसद कम हैं। यानी अहम बिल पास कराने के लिए उसे अब अन्य दलों से ज्यादा समर्थन की जरूरत नहीं पड़ने वाली।

बीजेपी के जो 30 सांसद चुने गए हैं, उनमें से 20 निर्विरोध और 10 के लिए मतदान हुआ। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस और यूपी में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को भी हराने में बीजेपी ने सफलता हासिल की है। यहां तक कि ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजेडी ने बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के पक्ष में वोट देकर उनको राज्यसभा में फिर भेजा है। राज्यसभा में एक जमाने में कांग्रेस की तूती बोलती थी, लेकिन अब उसके 29 सांसद ही रह गए हैं। वहीं, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के 13 सांसद राज्यसभा में हैं। जबकि, डीएमके के 10 और आम आदमी पार्टी के भी 10 राज्यसभा सांसद हैं। बीजेडी और वाईएसआरसीपी के 9-9 सांसद हैं। बीआरएस के 7, आरजेडी के 6, सीपीएम के 5, एआईएडीएमके के 4 और जेडीयू के 4 सांसद राज्यसभा में हैं। इनमें से कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, आरजेडी, सीपीएम इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। जबकि, बीजेडी और वाईएसआरसीपी मुद्दों पर आधारित समर्थन एनडीए को देती रही हैं।

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राज्यसभा का कार्यकाल लोकसभा से अलग होता है। लोकसभा के सांसद का कार्यकाल जहां 5 साल तक के लिए तय है और सदन बीच में भंग होने पर सदस्यता चली जाती है। वहीं, राज्यसभा में एक-तिहाई सदस्य हर 6 साल में रिटायर होते हैं। राज्यसभा ऐसे में कभी भी भंग नहीं होती।