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Vice President Election 2022: उप राष्ट्रपति का चुनाव आज, गणित के हिसाब से विपक्षी मारग्रेट अल्वा के मुकाबले जगदीप धनखड़ की जीत तय

चुनाव में एनडीए की तरफ से पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ मैदान में हैं। विपक्ष ने धनखड़ के खिलाफ मारग्रेट अल्वा को उतारा है। इस पद के लिए सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोट पड़ेंगे। वोटिंग में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद हिस्सा लेंगे। गणित के लिहाज से देखें, तो जगदीप धनखड़ की जीत तय है। धनखड़ के मुकाबले मारग्रेट अल्वा को काफी कम वोट हासिल होते दिख रहे हैं।

नई दिल्ली। आज उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने जा रहा है। इस चुनाव में एनडीए की तरफ से पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ मैदान में हैं। विपक्ष ने धनखड़ के खिलाफ मारग्रेट अल्वा को उतारा है। इस पद के लिए सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोट पड़ेंगे। वोटिंग में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद हिस्सा लेंगे। गणित के लिहाज से देखें, तो जगदीप धनखड़ की जीत तय है। धनखड़ के मुकाबले मारग्रेट अल्वा को काफी कम वोट हासिल होते दिख रहे हैं। वोटों की गणित की बात करें, तो लोकसभा के 543 और राज्यसभा के मनोनीत समेत 237 सांसद हैं। यानी कुल 783 सांसद हैं। इनमें से टीएमसी के 36 सांसद वोट नहीं देंगे। यानी कुल 783 में से 747 सांसद ही उप राष्ट्रपति चुनेंगे। ऐसे में जीत के लिए पहली वरीयता के 374 वोट चाहिए होंगे।

modi and dhankhar

बीजेपी के लोकसभा में 303 और राज्यसभा में 91 सांसद हैं। इस तरह वो अपने दम पर ही धनखड़ को जिता सकती है। इसके अलावा सहयोगी दलों के 37 सांसदों का भी समर्थन है। वहीं, बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, शिवसेना के शिंदे गुट, बीएसपी, अकाली दल ने भी धनखड़ को समर्थन दिया है। बीजेडी के 21, वाईएसआर कांग्रेस के 31, शिवसेना के शिंदे गुट के 12, बीएसपी के 11 और अकाली दल के 2 सांसद हैं। 5 मनोनीत सदस्यों के भी धनखड़ को वोट देने की संभावना है। ऐसे में धनखड़ को कुल 528 वोट हासिल होते दिख रहे हैं। जो जीत के लिए जरूरी वोटों से कहीं ज्यादा हैं।

Margaret Alva

विपक्ष की उम्मीदवार मारग्रेट अल्वा के पक्ष में वोटों के गणित को देखें, तो कांग्रेस के 84, डीएमके के 34, एनसीपी के 9, आरजेडी के 6, सपा के 6, टीआरएस के 16, आम आदमी पार्टी के 10, जेएमएम के 3 और एआईएमआईएम के 5 सांसदों का वोट उन्हें हासिल होता दिख रहा है। इसके अलावा उद्धव गुट के 7 सांसद भी अल्वा को वोट देंगे। कुछ और छोटे दल और निर्दलीय भी अल्वा के साथ चले जाएं, तब भी उन्हें जीत के लिए जरूरी 374 वोट किसी सूरत में मिलते फिलहाल नहीं दिख रहे हैं।