नई दिल्ली। महाराष्ट्र में विपक्ष के महाविकास अघाड़ी गठबंधन (एमवीए) में शामिल कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी शरद पवार गुट ने भले ही लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा भी साथ मिलकर लड़ने का ऐलान किया है मगर उनके बीच में अभी से खटपट की खबरें सामने आने लगी हैं। तीनों पार्टियों के बीच अब चुनाव में सीएम पद के चेहरे को लेकर भी एकराय नहीं बन पा रही है।
एनसीपी (शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष शरद पवार ने शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे को विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने से इनकार कर दिया है। इससे पहले कांग्रेस ने भी इस बारे में भी किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया था। महाविकास अघाड़ी महागठबंधन की इन दोनों सहयोगी पार्टियों का बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने की वकालत करते हुए कहा था कि बिना मुख्यमंत्री चेहरे के चुनाव में उतराना खतरनाक साबित हो सकता है। राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ने अच्छा काम किया था और तभी लोकसभा चुनाव में हम पर लोगों ने भरोसा जताया। वहीं एनसीपी शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम के बजाय सत्ता वापसी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
आपको बता दें कि हाल ही में विधानसभा चुनाव के लिए सीट को लेकर भी एमवीए दलों के विरोधाभासी बयान आए थे। शरद पवार ने एक बैठक के दौरान कहा था कि लोकसभा चुनाव में तो हमने कम सीटों पर समझौता कर लिया मगर अब बात बराबरी की होगी। इस दौरान उन्होंने विधानसभा की 288 सीटों में100 सीटों पर दावेदारी की बात की। वहीं, संजय राऊत का कहना है कि अभी तक सीट शेयरिंग को लेकर कोई बात नहीं हुई है, इसलिए अभी से यह नहीं कहा जा सकता कि कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा।