
नई दिल्ली। बीजेपी के नेता तजिंदर बग्गा को पंजाब पुलिस से छुड़ाने के बाद देर रात मेडिकल कराकर दिल्ली पुलिस ने घर भेज दिया। तजिंदर सोमवार को द्वारका कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराएंगे। इस बीच, बीजेपी ने आरोप लगाया है कि तजिंदर को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब पुलिस ने जिस टीम को भेजा था, उसमें शामिल डीएसपी के एक कुख्यात ड्रग तस्कर से रिश्ते हैं। ये आरोप बीजेपी के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने लगाए हैं। मनजिंदर ने इस बारे में ट्वीट्स की झड़ी लगाई है। सिरसा के मुताबिक तजिंदर को गिरफ्तार करने आई पंजाब पुलिस टीम के डीएसपी कुलजिंदर सिंह संधू के रिश्ते पुलिस से बर्खास्त और जेल में कैद ड्रग तस्कर सरबजीत सिंह से हैं।
Sensational Revelation: Changing the NAME doesn’t change the past & notorious actions of a person.
This KS Sandhu who came to pick @TajinderBagga today is the same notorious Kuljinder Singh with an ill-famed past@ANI @BJP4Delhi
1/n pic.twitter.com/Ei125O5Wjw— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) May 6, 2022
सिरसा ने आरोप लगाया कि बीते दिनों पंजाब की मीडिया ने सरबजीत सिंह और पंजाब के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के बीच बातचीत को उजागर किया था। इस कथित टेप में सरबजीत कह रहा था कि डीएसपी कुलजिंदर सिंह संधू के उससे अच्छे रिश्ते हैं और वो तमाम अवैध काम कर सकता है। सिरसा का आरोप है कि मोहाली में पंजाब पुलिस की खुफिया इकाई में डीएसपी संधू की पोस्टिंग भी सरबजीत सिंह के कहने पर की गई है। सरबजीत का नाम भोला ड्रग केस में आया था।
He had claimed in a leaked conversation with the then Punjab DGP Siddharth Chattopadhayaya that Kuljinder enjoyed his “full confidence” and can carry out any illegal operations.
(Listen to the video https://t.co/1mDuKAtO0s 16:48 to 17:20)
4/n pic.twitter.com/z7nvAjNJ9M— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) May 6, 2022
बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के मुताबिक एनआईए भी सरबजीत के आतंकियों से संबंधों की जांच कर रही है। उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि सरबजीत से रिश्ते होने के बाद भी डीएसपी संधू को पंजाब की आम आदमी पार्टी AAP की सरकार अपने मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रही है। सिरसा के मुताबिक संधू ने दिल्ली की मीडिया के सामने भले ही अपने पूरे नाम की जगह केएस संधू बताया, लेकिन उसकी कलई वो खोल रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि नाम बदलने भर से कोई अपना रिकॉर्ड छिपा नहीं सकता।