newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Delhi: सत्येंद्र जैन के बाद मनीष सिसोदिया भी गिरफ्तार, जानिए किस नई मुश्किल में फंसी केजरीवाल की सरकार

दिल्ली सरकार के दो मंत्री गिरफ्तार हो चुके हैं। पहले सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। अब कथित शराब घोटाला मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई है। इन दो बड़े मंत्रियों की गिरफ्तारी से सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार नई मुश्किल में फंस गई है।

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के दो मंत्री गिरफ्तार हो चुके हैं। पहले सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। अब कथित शराब घोटाला मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई है। इन दो बड़े मंत्रियों की गिरफ्तारी से सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार नई मुश्किल में फंस गई है। मनीष सिसोदिया तो केजरीवाल सरकार में नंबर दो की हैसियत वाले थे। वहीं, सत्येंद्र जैन भी अहम विभागों के मंत्री थे। दिल्ली सरकार में अब सिर्फ 4 मंत्री रह गए हैं। ऐसे में आने वाले वक्त में सीएम केजरीवाल को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। सत्येंद्र जैन के जेल जाने पर मनीष सिसोदिया को उनके विभाग सौंपे गए थे। सिसोदिया के पास 18 विभाग थे। इनमें वित्त, ऊर्जा, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, गृह, पीडब्लूडी, योजना, सेवा, पर्यटन, शहरी विकास शामिल हैं। अब इन विभागों को कौन देखेगा, इस पर सबकी नजर है।

CM Kejriwal

सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने पास कोई विभाग नहीं रखा है। अब जैन और सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद उनको दोनों को मंत्री पद से हटाने के बाद उनके विभाग किसी और को मंत्री बनाकर सौंपने होंगे। खास बात ये है कि सत्येंद्र जैन को गिरफ्तारी के बाद भी केजरीवाल ने बिना विभाग का मंत्री बना रखा है। अब केजरीवाल सरकार में जो बाकी चार मंत्री हैं, उनमें कैलाश गहलोत के पास 6 विभाग हैं। गोपाल राय के पास 3 विभाग हैं। इमरान हुसैन के पास दो और राजकुमार आनंद के पास 4 विभाग हैं। ऐसे में 18 विभागों की जिम्मेदारी केजरीवाल को या तो खुद संभालनी होगी, या नए मंत्री नियुक्त करने होंगे।

Satyendra Jain

बीजेपी लगातार आरोप लगाती है कि सत्येंद्र जैन को जानबूझकर बिना विभाग का मंत्री बनाए रखा गया है। ताकि वो केजरीवाल का पर्दाफाश न कर दें। बीजेपी के इस आरोप पर केजरीवाल ने अब तक कुछ नहीं कहा है। अगर वो मनीष सिसोदिया को भी मंत्री बनाए रखते हैं, तो बीजेपी अपने इस आरोप को लेकर और तेज हमला अरविंद केजरीवाल पर कर सकती है। फिलहाल मंत्रिमंडल के मसले पर केजरीवाल के सामने दिक्कत है। उनके अगले कदम पर सबकी नजर है।