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EVM Row: ‘गलती से छप गया कि ओटीपी से ईवीएम अनलॉक किया गया’, अखबार ने मांगी माफी; अब क्या बोलेगा विपक्ष?

EVM Row: एक अखबार ने 16 जून को प्रकाशित खबर में दावा किया था कि मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट से शिवसेना प्रत्याशी रवींद्र दत्ताराम वायकर के रिश्तेदार ने मोबाइल फोन से ओटीपी लेकर ईवीएम को अनलॉक किया। अब अखबार ने इस खबर में दिए गए इस तथ्य को खुद ही गलत बताया है।

मुंबई। एक अखबार ने 16 जून को प्रकाशित खबर में दावा किया था कि मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट से शिवसेना प्रत्याशी रवींद्र दत्ताराम वायकर के रिश्तेदार ने मोबाइल फोन से ओटीपी लेकर ईवीएम को अनलॉक किया। अब अखबार ने इस खबर में दिए गए इस तथ्य को खुद ही गलत बताया है। अखबार ने लिखा है कि इस खबर में ओटीपी के जरिए ईवीएम अनलॉक करने की बात गलत है और इसके लिए वो माफी मांगता है। सवाल ये है कि इस मसले पर हंगामा कर रहा विपक्ष अब क्या बोलेगा? साथ ही कुछ पत्रकारों ने भी इस मसले पर सोशल मीडिया में खूब लिखा था, उनपर भी अब तंज कसा जा रहा है।

रवींद्र वायकर ने मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट को सिर्फ 48 वोट से जीता था। यहां कम वोट से हार-जीत होते देख दोबारा गिनती भी की गई थी। अखबार में ओटीपी से ईवीएम अनलॉक होने की खबर छपने के बाद चुनाव आयोग ने गंभीर रुख लेते हुए काउंटिंग सेंटर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले वायकर के रिश्तेदार और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े एक कर्मचारी पर केस दर्ज कराया था। मुंबई पुलिस इसकी जांच कर रही है। वहीं, अखबार को गलत खबर छापने पर नोटिस भेजा गया था।

अंग्रेजी अखबार मिड डे में इस खबर के छपने के बाद ही फिर ईवीएम को लेकर विवाद खड़ा हुआ।

अखबार में मोबाइल के ओटीपी से ईवीएम अनलॉक होने की खबर छपते ही विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया था। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी नेता ईवीएम पर सवाल उठाने लगे थे। ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग उठने लगी थी। इसी बीच, एलन मस्क के इस एक्स पोस्ट पर कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है, सियासत और गर्मा गई। एलन मस्क के इस पोस्ट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने तंज कसते हुए टेस्ला के मालिक को ट्यूटोरियल देने तक की बात कह दी थी। बता दें कि विपक्षी दल काफी समय से ईवीएम के जरिए वोटिंग पर सवाल उठा रहे हैं। उनका आरोप है कि ईवीएम में गड़बड़ी कर बीजेपी को चुनाव जिताया जाता है। हालांकि, इस बार लोकसभा चुनाव में जब विपक्षी दलों को ज्यादा सीटें मिलीं, तो ईवीएम का मुद्दा ठंडा पड़ा था। फिर अखबार में खबर छपने के बाद फिर माहौल गर्मा गया।