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NFHS-5 Sex Ratio Data: ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ मोदी के नारे का असर, देश में पहली बार पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की आबादी

NFHS-5 Sex Ratio Data: देश की मोदी सरकार हमेशा से ही महिलाओं को शिक्षा और आगे बढ़ाने के लिए कदम बढ़ाती रही है। मोदी सरकार की ओर से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा दिया गया है जो अब सफल होता दिखाई दे रहा है। दरअसल, देश में पहली बार पुरूषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हो गई है।

नई दिल्ली। देश की मोदी सरकार हमेशा से ही महिलाओं को शिक्षा और आगे बढ़ाने के लिए कदम बढ़ाती रही है। मोदी सरकार की ओर से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा दिया गया है जो अब सफल होता दिखाई दे रहा है। दरअसल, देश में पहली बार पुरूषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हो गई है। अब हर 1,000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1,020 हैं। आजादी के बाद ऐसा पहली बार है जब पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या 1 हजार से ऊपर पहुंची है। पुरूषों की तुलना में महिलाओं की संख्या बढ़ने का ये आंकड़ा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (NFHS-5) में सामने आया है। इससे पहले साल 2015-16 में हुए NFHS-4 में महिलाओं का आंकड़ा हर 1,000 पुरुष पर 991 महिलाओं का था।

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सेक्स रेशियो में भी हुआ सुधार

पुरूषों की तुलना में महिलाओं की संख्या बढ़ने के साथ ही जन्म के समय भी सेक्स रेशियो में सुधार हुआ है। साल 2015-16 में ये प्रति 1000 बच्चों पर 919 बच्चियों का था जो अब 2019-21 में सुधकर प्रति 1000 बच्चों पर 929 बच्चियों का हो गया है।

गांव में सेक्स रेशियो बढ़ा

NFHS-5 के आंकड़ों में ये भी बाक सामने आई है कि सेक्स रेशियो में सुधार शहरों की तुलना में गांवों में ज्यादा अच्छा हुआ है। गांवों में हर 1,000 पुरुषों पर 1,037 महिलाएं हैं, जबकि शहरों में महिलाओं का ये आंकड़ा 985 पर हैं।

प्रजनन दर में भी कमी आई

NFHS-5 के सर्वे के मुताबिक, देश में प्रजनन दर (Fertility Rate) में कमी देखने को मिल रही है। प्रजनन दर आबादी की वृद्धि दर को दर्शाती है। सर्वे के मुताबिक, देश में प्रजनन दर 2 पर आ गई है। साल 2015-16 में ये दर 2.2 थी।