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NIA ने तमिलनाडु के ISIS मामले में 12 आतंकियों ​के खिलाफ दायर की चार्जशीट

हमले के लिए आतंकियों ने हथियार जमा किए, जंगल में रहने का सामान लिया ताकि जंगलों में ये आतंकी अपना ठिकाना बना सके। इस ठिकाने को ये ISIS का इलाका घोषित कर रहे थे और यहीं से आतंकी घटनाओं की योजना बना कर हमले करने का इरादा था।

नई दिल्ली। NIA स्पेशल कोर्ट में तमिलनाडु के ISIS मामले में 12 आतंकियों ​के खिलाफ NIA ने चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट को NIA ने देशद्रोह, आतंकी गतिविधियों में शामिल होने, हथियार रखने और साजिश रचने की धाराओं में दाखिल की है। इस मामले में NIA से पहले चेन्नई पुलिस ने फर्जी नाम-पते के जरिये मोबाइल सिम चालू करने की शिकायत पर मामला दर्ज किया था।

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चेन्नई पुलिस में यह शिकायत कांचीपुरम एरिया में एयरटेल में काम करने वाले कर्मचारी ने दिसंबर 2019 में की थी। कर्मचारी ने अपनी शिकायत में कहा था कि, एयरटेल के कुछ नंबर फर्जी नाम पते पर जारी हुए हैं, जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पता लगा कि वोडाफोन के भी कुछ नंबर फर्जी नाम-पते पर जारी हुए हैं। ये सभी नंबर चेन्नई और सालेम इलाके में जारी हुए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच NIA को सौंप दी गई थी।

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NIA को अपनी जांच में पता चला है कि ये सभी नंबर ख्वाजा मोईद्दीन जिसकी उम्र करीब 52 साल है, ने फर्जी नाम पते पर जारी करवाए हैं। ख्वाजा साल 2014 में हिंदू नेता सुरेश कुमार की हत्या में बंद था लेकिन जमानत पर रिहा हो गया था और उसी ने ये सिम कार्ड अपने साथियों के जरिये लिए हैं। मकसद आपस में आतंकी हमलों की योजना बनाने के लिए बात करने का था।

पकड़े गए आरोपियों को लेकर NIA का कहना है कि ये सभी देश में शरीयत कानून लाना चाहते थे और इसके लिए ISIS/Daish की विचारधारा को मानते हुए यहां पर काम कर रहे थे। NIA के मुताबिक, ख्वाजा मोईद्दीन ने बाकी आरोपियों के जरिये फर्जी नाम पते पर सिम कार्ड लिए और हनीफ खान, इमरान खान, मोहम्मद जैद, इजाज पाशा, हुसैन शरीफ, और महबूब पाशा को ISIS के नाम पर आतंकी हमलों के लिये तैयार किया।

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हमले के लिए आतंकियों ने हथियार जमा किए, जंगल में रहने का सामान लिया ताकि जंगलों में ये आतंकी अपना ठिकाना बना सके। इस ठिकाने को ये ISIS का इलाका घोषित कर रहे थे और यहीं से आतंकी घटनाओं की योजना बना कर हमले करने का इरादा था।