नई दिल्ली। दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन क्षेत्र में मरकज़ के अंदर तबलीगी जमात की सभा हुई। देश में कोरोना का संकट मंडरा रहा था मगर फिर भी देश-विदेश से इसमें शामिल हुए लोगों ने जरा भी परवाह नहीं की। सरकार लगातार कहती रही कि लोग सामाजिक दूरी बनाए रखें जिससे कोरोनावायरस समाज में न फ़ैल जाए। मगर इनको फिर भी फर्क नहीं पड़ा। फिर केंद्र सरकार और दिल्ली प्रशासन की सख्ती की बदौलत बमुश्किल 29 मार्च को इन लोगों को बाहर निकाला गया।
मगर अब दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में मौजूद हजारों लोगों की उपस्थिती को दिल्ली के विभिन्न इलाकों में चल रहे सीएए विरोधी धरनों से जोड़कर देखा जा रहा है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद एक युवक की पहचान भी कर ली है। जो जमात में शामिल होने के लिए मरकज़ में आया था और अक्सर शाहीन बाग धरने में भी शामिल होने जाया करता था। लेकिन अब वह युवक अंडमान में मौजूद अपने घर को लौट चुका है। वहीं सूत्रो के हवाले से ये ख़बरें आ रही हैं कि शाहीन बाग धरने में आने वाले तीन लोगों को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था इसलिए यह आशंका और भी अधिक प्रबल होती दिखाई दे रही है।
बता दें पुलिस की जांच में ये बात सामने आई है कि अंडमान निकोबार द्वीप का रहने वाला यह व्यक्ति जमात में शामिल होने के लिए मरकज में आया हुआ था। और जब मामले की जांच के बाद पुलिस ने उस युवक की पहचान की तो सामने आया कि वह युवक सीएए विरोधी धरने में अक्सर शामिल होने के लिए दिल्ली के शाहीन बाग़ समेत कई इलाकों में जाया करता था।
पुलिस को अब इस बात की भी आशंका है और इस बात से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है कि अगर ये लोग शाहीन बाग, हौजरानी, निजामुद्दीन बस्ती, जामिया मिल्लिया इस्लामिया समेत दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में चल रहे सीएए विरोधी धरनों में गए होंगे तो हो सकता है इन्होने वहां जानबूझकर लोगों को कोराना का संक्रमण पास कर दिया हो।