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Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा की ताजा घटना नहीं, केंद्र सरकार ने और 50 कंपनी जवानों को तैनात किया; राज्य के विधायकों ने रखी कुछ मांगें

Manipur Violence: मणिपुर से हिंसा की किसी ताजा घटना की जानकारी नहीं है। केंद्र सरकार ने वहां अपने सुरक्षाबलों की और 50 कंपनी तैनात करने का फैसला किया है। इनमें सबसे ज्यादा संख्या सीआरपीएफ के जवानों की होगी। मणिपुर में केंद्रीय बलों के 40000 जवान पहले से ही तैनात हैं।

इंफाल। मणिपुर से हिंसा की किसी ताजा घटना की जानकारी नहीं है। केंद्र सरकार ने वहां अपने सुरक्षाबलों की और 50 कंपनी तैनात करने का फैसला किया है। इनमें सबसे ज्यादा संख्या सीआरपीएफ के जवानों की होगी। मणिपुर में केंद्रीय बलों के 40000 जवान पहले से ही तैनात हैं। राज्य में हिंसा को रोकने के लिए 7 जिलों में इंटरनेट बंद किया गया है। जबकि, मणिपुर की राजधानी इंफाल के पूर्व और पश्चिम, बिष्णुपुर, थाउबल और काकचिंग जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाया गया है। इंफाल पूर्व और पश्चिम, जिरीबाम, बिष्णुपुर, कांगपोकपी के कई थाना क्षेत्रों में केंद्र सरकार पहले ही आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट यानी अफस्पा लगा चुकी है।

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वहीं, मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह की अध्यक्षता में राज्य के विधायकों की बैठक हुई है। इसमें अफस्पा को हटाने का प्रस्ताव पास किया गया। साथ ही 6 हिंदू मैतेई की हत्या समेत कुछ मामलों की जांच एनआईए से कराने का आग्रह केंद्र सरकार से किया गया। एनआईए ने मणिपुर में बीते दिनों हुई हिंसा की कुछ घटनाओं की जांच भी शुरू की है। वहीं, कुकी संगठनों को आतंकी घोषित करने की मांग भी मणिपुर के विधायकों ने की है। मैतेई लोगों की हत्या का आरोप कुकी उग्रवादियों पर है। जिरीबाम में कुकी उग्रवादियों ने शरणार्थी कैंप और सीआरपीएफ पर 11 नवंबर को हमला बोला था। सीआरपीएफ ने इस हमले का जवाब देते हुए 10 कुकी उग्रवादियों को मार गिराया। इसके बाद जब मैतेई महिलाओं और बच्चों के शव मिले, तो एक बार फिर मणिपुर में हिंसा की आग जल उठी। सीएम बीरेन सिंह के दामाद का घर भीड़ ने फूंक दिया था। साथ ही कई मंत्रियों और विधायकों के घरों पर भी हमला किया गया।

मणिपुर 2023 से ही अशांत है। इसकी वजह मणिपुर हाईकोर्ट का एक फैसला है। मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि वो हिंदू मैतेई समुदाय को आदिवासी का दर्जा और आरक्षण देने पर विचार करे। इसका कुकी समुदाय ने विरोध किया। जिसके बाद मैतेई और कुकी लोगों के बीच हिंसा शुरू हुई थी। मैतेई समुदाय मणिपुर के घाटी वाले इलाकों में रहता है। जबकि, कुकी लोग पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। मैतेई लोग हिंदू हैं। वहीं, ज्यादातर कुकी ईसाई धर्म को मानने वाले हैं।