
नई दिल्ली। कुछ मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने पहले वक्फ संशोधन एक्ट 2025 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इससे जुड़ी याचिकाओं पर सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया था। अब सुप्रीम कोर्ट में निखिल उपाध्याय ने 1995 के वक्फ कानून के साथ ही वक्फ संशोधन एक्ट 2025 के कुछ प्रावधानों को भी चुनौती दी है। याचिकाकर्ता की दलील है कि 1995 का वक्फ कानून भेदभाव वाला था। साथ ही वक्फ संशोधन एक्ट 2025 के कई प्रावधान संविधान का उल्लंघन करते हैं।
Delhi: Advocate Ashwini Upadhyay says, “I have challenged the 1995 Waqf Act in the Supreme Court, stating that this law is completely unconstitutional. It creates discrimination as there is no separate tribunal for Hindus, Jains, Buddhists, Sikhs, Parsis, Christians, Jews, or… pic.twitter.com/DIcAlRcc3Z
— IANS (@ians_india) May 27, 2025
सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने वक्फ एक्ट 1995 को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने याचिकाकर्ता निखिल उपाध्याय के वकील अश्विनी उपाध्याय से कहा कि वक्फ एक्ट 1995 को अब क्यों चुनौती दी जा रही है। इस पर अश्विनी उपाध्याय ने कोर्ट में कहा कि हम वक्फ एक्ट में 2013 के संशोधन को भी चुनौती दे रहे हैं। इस पर सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि 12 साल बीत गए हैं और हम देरी के कारण आपकी याचिका खारिज कर देंगे। इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने बेंच को बताया कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही पूजा स्थल एक्ट 1991 को 2020-2021 से सुन रहा है। इसके अलावा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग एक्ट 1992 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है।
वक्फ एक्ट 1995 को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता निखिल उपाध्याय के वकील अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि वक्फ संशोधन एक्ट 2025 ने वक्फ एक्ट 1995 को संशोधित किया है। इसमें कई प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21, 25, 26 और 27 के खिलाफ हैं। सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई की बेंच ने अश्विनी उपाध्याय की दलील सुनने के बाद याचिका को वक्फ एक्ट को चुनौती देने वाली लंबित याचिकाओं से जोड़ने का आदेश दिया। साथ ही इस पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर विस्तृत जवाब भी मांगा। अभी ये तय नहीं है कि सीजेआई की बेंच वक्फ संशोधन एक्ट 2025 के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर कब फैसला सुनाएगी। हालांकि, ताजा याचिका पर केंद्र के जवाब के बाद कोर्ट का फैसला दूसरा रूप भी ले सकता है। सीजेआई ने सुनवाई के दौरान ही वक्फ संशोधन एक्ट को चुनौती देने वालों के वकील कपिल सिब्बल से कहा था कि संसद से पास कानून संवैधानिक ही होता है। अगर उसमें वो कोई बड़ी गड़बड़ी निकाल सके, तभी वक्फ संशोधन एक्ट 2025 को रद्द करने पर कोर्ट विचार कर सकता है।