बेंगलुरु। कर्नाटक में बीजेपी की सरकार के दौरान स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर बैन लगाया गया था। बीते दिनों कांग्रेस सरकार के सीएम सिद्धारामैया ने एलान किया था कि अब इस बैन को हटा लिया जाएगा। लेकिन लगता है कि इस मुद्दे पर कर्नाटक सरकार में ही एक राय नहीं बन पा रही है। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने अब कहा है कि स्कूल और कॉलेज में हिजाब पर लगे बैन को हटाने के बारे में अभी सोचा नहीं गया है। शिवकुमार ने कहा कि इस मुद्दे पर यू-टर्न जैसा कुछ नहीं है। आगे शिवकुमार ने कहा कि सीएम ने सिर्फ इतना कहा था कि इस पर चर्चा की जाएगी। कर्नाटक के डिप्टी सीएम के मुताबिक बात बस इतनी है और इसे बेवजह बड़ा बनाया जा रहा है।
दरअसल, बीते दिनों सिद्धारामैया ने एक जनसभा में कहा था कि अब स्कूल और कॉलेजों में हिजाब पर बैन नहीं रहेगा। सिद्धारामैया ने ये भी कहा था कि हिजाब पर बैन हटाने के लिए उन्होंने अफसरों को बोल दिया है, लेकिन जब बैन नहीं हटा, तो इस बारे में मीडिया ने डिप्टी सीएम शिवकुमार से पूछा था। सिद्धारामैया ने ये भी कहा था कि कौन क्या पहनता है और क्या खाता है, ये उसकी निजी च्वॉइस है। उन्होंने पैंट-शर्ट और धोती का उदाहरण दिया था। सिद्धारामैया के इस बयान पर बीजेपी भड़की थी और उसने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर तुष्टीकरण करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद अब तक कर्नाटक के शिक्षा संस्थानों में हिजाब पर बैन नहीं हटा।
हिजाब पर बैन को लेकर कर्नाटक में खूब सियासत हुई थी। ये मसला उडुपी जिले से उभरा था। वहां सरकारी कॉलेज में कुछ मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंचीं, तो उनको एंट्री नहीं मिली थी। हिजाब के खिलाफ हिंदू छात्रों ने भगवा गमछा पहनना शुरू कर दिया था। इसके बाद तत्कालीन बीजेपी सरकार ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब बैन कर दिया था। मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में गया था और वहां से भी बैन को जारी रखने का आदेश हुआ। जबकि, सुप्रीम कोर्ट में 2 जजों की बेंच की राय बंटी हुई थी और इसी वजह से कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर बैन जारी रहा।