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Pawan Khera News: अब लखनऊ पुलिस करेगी पवन खेड़ा के खिलाफ जांच, पीएम मोदी के पिता पर अपमानजनक टिप्पणी मामले में SC का आदेश

Pawan Khera News: इस बीच सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमें कांग्रेस नेता के खिलाफ दर्ज हुई सभी प्राथमिकी को कंपाइल करने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन बस जरूरत है कि असल पुलिस मामले में सकारात्मक रुख दिखाए। इस पर मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड ने कहा कि देखिए खेड़ा के खिलाफ पहली प्राथमिकी लखनऊ में दर्ज हुई थी।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को राजधानी लखनऊ ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। दरअसल, पीएम मोदी के पिता के संदर्भ में अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस नेता के खिलाफ असम, लखनऊ और वाराणसी में केस दर्ज किया गया था। हालांकि खेड़ा की तरफ से सभी मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की गई थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी यह मांग खारिज कर दी और सभी मामलों को लखनऊ के हजरतगंज थाने में ट्रांसफर कर दिया। उधर, कोर्ट ने खेड़ा की जमानत याचिका को आगामी 10 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया है। अब आगामी दिनों में खेड़ा के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिए आगे आपको एक बार फिर से यह पूरा मामला विस्तार से बता देते हैं।

दरअसल, अदानी मामले में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पवन खेड़ा ने पीएम मोदी के पिता का नाम गलत तरीके से लिया था, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी गलती सुधार ली थी, मगर बीजेपी ने इस पूरे मामले में जोरदार प्रदर्शन किया था और कई जगह कांग्रेस नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी भी हुई, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। खेड़ा की गिरफ्तारी को भी कांग्रेस ने मोदी सरकार की साजिश करार दिया था, जिसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जमकर जुबानी तीर चले थे। जिसकी तासीर अभी-भी सियासी पिच पर बनी हुई है।

Pawan Khera

इस बीच सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमें कांग्रेस नेता के खिलाफ दर्ज हुई सभी प्राथमिकी को कंपाइल करने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन बस जरूरत है कि असम पुलिस मामले में सकारात्मक रुख दिखाए। इस पर मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड ने कहा कि देखिए खेड़ा के खिलाफ पहली प्राथमिकी लखनऊ में दर्ज हुई थी। ऐसे में उनके खिलाफ दर्ज हुई सभी एफआईआर को लखनऊ में ही ट्रांमफर करना उचित रहेगा। उधर, असम पुलिस ने खेड़ा की अंतरिम जमानत को रद्द करने की मांग की है। पुलिस ने कहा कि गलती के बाद माफी मांगने का कोई प्रावधान नहीं है। पुलिस ने यह भी कहा कि अभी तक केवल खेड़ा के वकील ने कहा है कि उन्होंने माफी मांगी है, लेकिन खेड़ा ने वास्तविकता में माफी नहीं मांगी है। उधर, अभियोजन पक्ष की ओर से दाखिल किए गए हलफनामे में कहा गया है कि अभी तक खेड़ा की तरफ से कोई माफी नहीं मांगी गई है। उन्होंने एक किस्म का अपराध किया है और कानून में अपराध के लिए माफी का प्रावधान नहीं है।

उधर, सीजीआई ने कहा कि हम जमानत की अवधि को विस्तारित करेंगे। बहरहाल, पूरे प्रकरण को लेकर सभी पक्षों के बीच दलीलें दी गईं। जिसमें खेड़ा की जमानत य़ाचिका को आगामी 10 अप्रैल तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन माना जा रहा है कि आगामी दिनों में इस पूरे प्रकरण को लेकर बीजेपी-कांग्रेस के बीच जोरदार जुबानी जंंग देखने को मिलेगी।