नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में रह रहे लोगों के लिए आज बड़ी खबर सामने आई। दरअसल, जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) हिरदेश कुमार ने एक बड़े फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि अब कश्मीर से बाहर के लोगों को भी मतदान का अधिकार दिया जाएगा। इन बाहरी लोगों में कर्मचारी, छात्र, मजदूर या देश के दूसरे राज्यों के वो लोग शामिल होंगे जो कि पढ़ाई या काम के लिए आमतौर पर जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं। अब ये लोग भी मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवा कर जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनाव में अपने मत का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अब इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक नेताओं की तरफ से इस पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। अपने ट्वीट में अब्दुल्ला ने लिखा, ‘‘क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जम्मू कश्मीर के वास्तविक मतदाताओं के समर्थन को लेकर इतनी असुरक्षित है कि उसे सीटें जीतने के लिए अस्थायी मतदाताओं को आयात करने की जरूरत है? जब जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का मौका दिया जाएगा तो इनमें से कोई भी चीज भाजपा की सहायता नहीं करेगी।’’
Is the BJP so insecure about support from genuine voters of J&K that it needs to import temporary voters to win seats? None of these things will help the BJP when the people of J&K are given a chance to exercise their franchise. https://t.co/ZayxjHiaQy
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 17, 2022
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के साथ ही मामले पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी अपना पक्ष रखते हुए इसे स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करने वाला फैसला बताया। मुफ्ती ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में चुनावों को स्थगित करने संबंधी भारत सरकार का निर्णय, पहले भाजपा के पक्ष में पलड़ा झुकाने और अब गैर स्थानीय लोगों को वोट देने की अनुमति देने से चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए है। असली उद्देश्य स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करने के लिए जम्मू-कश्मीर पर शासन जारी रखना है।’’
GOIs decision to defer polls in J&K preceded by egregious gerrymandering tilting the balance in BJPs favour & now allowing non locals to vote is obviously to influence election results. Real aim is to continue ruling J&K with an iron fist to disempower locals. https://t.co/zHzqaMseG6
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 17, 2022
अब माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लोग नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के साथ ही मामले पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की जमकर क्लास लगा रहे हैं। लोग जम्मू-कश्मीर की हालत के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। नीचे देखिए लोगों के कुछ रिएक्शन
एक ये भी हे @OmarAbdullah देश का दुश्मन । राजनीति के नाम पर J&K को लूट खाया हे इन मुफ़्ती ओर अब्दुला ने ।अब मिलेगा सबक़। #JammuKashmir https://t.co/sL9VGYzw3J
— Adv.Vineet Jindal (@vineetJindal19) August 18, 2022
Now,Some So called J&K Political leader’s started Crying as there dominance in J & K Politics is about to go. They are anti National and now going to finish. Jai Hind ??@MehboobaMufti https://t.co/dcYAHuJ1Bu
— Adv.Vineet Jindal (@vineetJindal19) August 18, 2022
Jo loog nakam hoti hain, wooh tinkon ka sohara liker jeeny ki koshish karty hain, magar dikha gayai hai, ki asiy log kabi kamyab nahi hoty hain
— Gh Qadir (@GhQadir86476839) August 17, 2022
You consider J&K as your fiefdom . With abrogation of Article 370, Voters criteria applicable PAN India has become applicable in J&K. If you have guts fight Election under Indian Election law. https://t.co/KEg05TeUiH
— Vishwanath Sharma (@Vishwanath1953) August 18, 2022
But aap loog toh 2% voting pay CM bantay thay? https://t.co/Ww9oVnyvCH
— Turab Shafeeq (@ShafeeqTurab) August 17, 2022
Landmark decision https://t.co/ukgYINEedl
— Lovely charak??? (@Navjots13190257) August 17, 2022