
चंडीगढ़। खालिस्तान समर्थक निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह पर पंजाब सरकार ने एक और साल के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए बढ़ा दिया है। अमृतपाल सिंह को पंजाब की खडूर साहिब सीट से लोगों ने अपना सांसद चुना है। अमृतपाल सिंह पर पहले ही 2 साल के लिए एनएसए लगाया गया था। 23 अप्रैल को एनएसए की अवधि पूरी होने से पहले ही पंजाब सरकार ने इसे बढ़ा दिया। अमृतपाल सिंह को एनएसए लगाने के बाद असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया था। अब अमृतपाल सिंह पर एनएसए बढ़ाए जाने से सांसद को अप्रैल 2026 तक जेल में ही रहना होगा।

अमृतपाल सिंह के करीबी पप्पलप्रीत सिंह समेत कुछ साथियों को बीते दिनों पंजाब लाया जा चुका है। सभी डिब्रूगढ़ की जेल में ही बंद थे। इन सभी को पंजाब के कोर्ट में पेश कर राज्य की जेलों में रखा गया है। पहले पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह को भी राज्य लाना चाहती थी, लेकिन बताया जा रहा है कि उसने केंद्र सरकार की सुरक्षा एजेंसियों से चर्चा के बाद अपना इरादा बदल दिया। अब अमृतसर के डीएम की सिफारिश पर पंजाब सरकार ने अमृतपाल सिंह पर एनएसए बढ़ाने का फैसला कर लिया। अमृतपाल सिंह पर यूएपीए की धाराओं में भी केस दर्ज है।
अमृतपाल सिंह 2023 में चर्चा में आया था। जब उसने अपने तमाम सहयोगियों के साथ अमृतसर का अजनाला थाना घेरा था। अजनाला थाने की पुलिस ने अमृतपाल सिंह के करीबी पप्पलप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया था। अमृतपाल ने थाने जाकर ऐसा शक्ति प्रदर्शन किया कि पुलिस को पप्पलप्रीत सिंह को छोड़ना पड़ा था। इससे अमृतपाल के हौसले बुलंद हुए थे। वो लगातार खालिस्तान समर्थक बयानबाजी कर रहा था। उसने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तक को धमकी दी थी। लगातार खालिस्तान के पक्ष में बात कर रहे अमृतपाल सिंह और उसके साथियों पर आखिरकार पंजाब पुलिस ने कार्रवाई की थी। इस दौरान अमृतपाल और पप्पलप्रीत भेस बदलकर फरार हो गए थे। पप्पलप्रीत सिंह पहले पकड़ा गया था। जबकि, करीब एक महीने बाद अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस गिरफ्तार कर सकी थी।