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Opposition Meeting: बीजेपी विरोधी विपक्षी दलों की बढ़ती जा रही संख्या, बेंगलुरु बैठक में 24 पार्टियों के हिस्सा लेने की संभावना

जानकारी के मुताबिक 17 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों का रात्रिभोज होगा। इसके बाद कुछ देर बातचीत होगी। विपक्षी दलों के नेताओं की पूर्ण बैठक 18 जुलाई को होगी। माना जा रहा है कि इस बार की बैठक में बीजेपी के खिलाफ लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति और सीटों के बंटवारे पर चर्चा होने की संभावना है।

नई दिल्ली। पटना में विपक्षी दलों की बैठक में 16 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया था। अब बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है। खबर ये है कि बेंगलुरु में होने वाली बैठक में बीजेपी विरोधी दलों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। सूत्रों के अनुसार 8 और विपक्षी दल बेंगलुरु की बैठक में हिस्सा ले सकते हैं। विपक्षी दलों को बेंगलुरु में होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने न्योता भी भेज दिया है। खरगे की तरफ से विपक्षी दलों से कहा गया है कि पटना में हुई बैठक बड़ी सफलता थी। उन्होंने लिखा है कि जो गति हमने बनाई, उसे बढ़ाना महत्वपूर्ण है। खरगे ने ये भी कहा है कि देश के सामने जो चुनौतियां हैं, उनसे निपटने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।

mallikarjun kharge and rahul gandhi

सूत्रों की मानें, तो बेंगलुरु की बैठक में सोनिया गांधी भी शामिल होंगी। पटना की बैठक में सोनिया नहीं गई थीं। कांग्रेस की तरफ से सिर्फ मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ही पटना में विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सेदार बने थे। जानकारी के मुताबिक 17 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों का रात्रिभोज होगा। इसके बाद कुछ देर बातचीत होगी। विपक्षी दलों के नेताओं की पूर्ण बैठक 18 जुलाई को होगी। माना जा रहा है कि इस बार की बैठक में बीजेपी के खिलाफ लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति और सीटों के बंटवारे पर चर्चा होने की संभावना है।

patna all meeting

लोकसभा चुनाव अगले साल यानी 2024 में हैं। इस बार चुनाव में बीजेपी को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों ने गठबंधन किया है। इस गठबंधन का नाम पीडीए दिया गया है। पटना में हुई बैठक में अरविंद केजरीवाल ने केंद्र के अध्यादेश पर कांग्रेस का समर्थन मांगा था। वरना बेंगलुरु की बैठक में शामिल न होने की बात कही थी। अब देखना है कि कांग्रेस इस बारे में क्या कहती है और केजरीवाल बैठक में जाते हैं या इससे किनारा कर लेते हैं। दिल्ली और पंजाब में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सत्ता में है। ऐसे में केजरीवाल का साथ लेना विपक्ष के लिए जरूरी भी है।