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Agniveer: सेना की अग्निवीर भर्ती में मदद नहीं दे रहे सीएम भगवंत मान के अफसर, मेजर जनरल की चिट्ठी से खुलासा

सेना ने जवानों की भर्ती के लिए अग्निवीर योजना लागू की है। इसके तहत 4 साल के लिए जवानों की भर्ती होनी है। इनमें से 25 फीसदी जवानों को उनके काम के आधार पर आगे सेवा में लिया जाएगा। इसके लिए भर्तियां हो रही हैं, लेकिन पंजाब में भगवंत मान की आम आदमी पार्टी सरकार के अफसर अग्निवीर भर्ती में सहयोग नहीं दे रहे हैं। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने भी अग्निवीर योजना का विरोध करते हुए इसे बंद करने की मांग मोदी सरकार से की थी।

जालंधर। सेना ने जवानों की भर्ती के लिए अग्निवीर योजना लागू की है। इसके तहत 4 साल के लिए जवानों की भर्ती होनी है। इनमें से 25 फीसदी जवानों को उनके काम के आधार पर आगे सेवा में लिया जाएगा। इसके लिए भर्तियां हो रही हैं, लेकिन पंजाब में भगवंत मान की आम आदमी पार्टी सरकार के अफसर अग्निवीर भर्ती में सहयोग नहीं दे रहे हैं। इसका खुलासा सेना की एक चिट्ठी के हवाले से अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने किया है। अखबार ने बताया है कि सेना ने भगवंत मान सरकार को भेजी चिट्ठी में लिखा है कि उसे पंजाब में स्थानीय प्रशासन का सहयोग नहीं मिल रहा है। बता दें कि अग्निवीर योजना के तहत जवानों की भर्ती का विरोध आम आदमी पार्टी भी कर चुकी है।

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अखबार ने 8 सितंबर को जोनल भर्ती अधिकारी मेजर जनरल शरद बिक्रम सिंह की चिट्ठी का हवाला दिया है। मेजर जनरल ने ये चिट्ठी पंजाब के मुख्य सचिव वीके जंजुआ और रोजगार, कौशल और प्रशिक्षण विभाग के प्रमुख सचिव कुमार राहुल को भेजी है। चिट्ठी में मेजर जनरल सिंह ने लिखा है कि आपके ध्यान में हम लाने को विवश हैं कि स्थानीय प्रशासन का हमें समर्थन नहीं मिल रहा है। वे आमतौर पर राज्य सरकार के निर्देशों या धन की कमी का हवाला दे रहे हैं। इसमें लिखा है कि सेना की बहाली में कुछ जरूरी सहायता स्थानीय प्रशासन के द्वारा प्रदान की जाती है, जिनमें कानून-व्यवस्था के लिए पुलिस सहायता, सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण, बैरिकेडिंग इत्यादी शामिल है। स्थानीय प्रशासन से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वह तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए एक टीम और एम्बुलेंस के साथ एक चिकित्सा अधिकारी की भी व्यवस्था करे।

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चिट्ठी में ये भी मेजर जनरल की तरफ से लिखा गया है कि बहाली वाली जगह पर 14 दिन तक हर रोज 3000 से 4000 उम्मीदवारों के लिए रेन शेल्टर, पानी, मोबाइल शौचालय और भोजन जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने कहा है कि जालंधर में हमें ऐसी कोई भी सुविधा स्थानीय प्रशासन की तरफ से नहीं मिली है। ऐसे में हम पंजाब में भविष्य में होने वाली सेना की सभी बहालियों को रोकने के लिए सेना मुख्यालय के समक्ष प्रस्ताव रखेंगे। या फिर पड़ोसी राज्यों में वैकल्पिक रूप से बहाली आयोजित करेंगे। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इस मामले में प्रमुख सचिव कुमार राहुल ने कहा कि गुरदासपुर में कुछ मुद्दे आए थे। मैंने जनरल से बात की है। सब कुछ ठीक है और उपाय किए जा रहे हैं। वहीं, लुधियाना की डीसी सुरभि मलिक ने अखबार से कहा कि सेना को मेरे जिले में भर्ती रैलियों को आयोजित करने में कोई समस्या नहीं हुई है।