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Ramesh Bidhuri: ओम बिरला का निर्देश, दानिश अली और रमेश बिधूड़ी मामले की जांच करेगी विशेषाधिकार कमेटी

Ramesh Bidhuri: बिधूड़ी को बेशक अध्यक्ष बल्कि प्रभारी बनाकर बीजेपी ने यह तो साबित कर दिया है कि उसे अपने नेता से कोई शिकवा नहीं है। हालांकि, बीजेपी रमेश बिधूड़ी को उनकी अर्मायिदत टिप्पणी को लेकर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर चुकी है। उन्हें जवाब देने के लिए 15 दिनों की नोटिस जारी किया जा चुका है।

नई दिल्ली। दानिश अली और रमेश बिधूड़ी के बीच संसद में हुए जुबानी जंग के मसले को लोकसभा के विशेषाधिकार समिति को भेजा दिया गया है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के निर्देश पर विशेषाधिकार समिति को यह मामला भेजा गया है, जहां इसकी जांच होगी। जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि आखिर दोषी कौन है? बता दें कि विपक्षी सांसदों की शिकायत पर मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है, जहां मामले की मुकम्मल जांच होगी और इसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचना मुनासिब रहेगा।

ramesh bidhuri and danish ali
बता दें कि इससे पहले जब बिधूड़ी को टोंक विधानसभा का प्रभारी नियुक्त किया गया था, तब उन्होंने अपना आक्रोश जाहिर किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने अपने इस फैसले से अपना चाल, चरित्र और चेहरा स्पष्ट कर दिया है। यह कोई हैरान करने वाला फैसला नहीं है, बल्कि बीजेपी का प्रत्याशित कदम है। ध्यान दें, इससे पहले ओवैसी ने रमेश बिधूड़ी द्वारा दानिश अली पर विवादास्पद टिप्पणी करने पर कहा था कि अब बीजेपी इसी बिधूड़ी को दिल्ली बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी। खैर, ओवैसी का अनुमान सच साबित होता हुआ नजर आ रहा है।

बिधूड़ी को बेशक अध्यक्ष नहीं, बल्कि प्रभारी बनाकर बीजेपी ने यह साबित कर दिया है कि उसे अपने नेता से कोई शिकवा नहीं है। हालांकि, बीजेपी रमेश बिधूड़ी को उनकी अर्मायिदत टिप्पणी को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी कर चुकी है। उन्हें जवाब देने के लिए 15 दिनों की मोहलत दी गई है। इसी बीच निशिकांत दुबे और अन्य नेताओं का कहना है कि पहले दानिश अली ने बिधूड़ी को उकसाया था। इसके बाद उन्होंने इस तरह की टिप्पणी की थी।

बीते दिनों लोकसभा में चंद्रयान-3 की सफलता पर चर्चा के दौरान बिधूड़ी ने दानिश अली पर उनके धर्म को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसे लेकर सदन में केंद्रीय रक्षा मंत्री ने माफी भी मांगी थी। वहीं इस बीच जब बिधू़ड़ी से इस बारे में मीडिया द्वारा सवाल किया गया, तो उन्होंने कोई भी बयान देने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने महज इतना कहा कि लोकसभा स्पीकर मामले की जांच कर रही है, तो ऐसे में इस पर अभी मैं कुछ भी कहना उचित नहीं समझता।