newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

General Rahul R. Singh on Operation Sindoor : एक सरहद लेकिन तीन थे दुश्मन, पाकिस्तान, चीन और तुर्की, ऑपरेशन सिंदूर पर जनरल राहुल आर. सिंह ने बहुत कुछ बताया

General Rahul R. Singh on Operation Sindoor : भारत के डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा कि चीन एक लाइव लैब की तरह पाकिस्तान के जरिए अपने हथियारों को टेस्ट कर रहा था। पाकिस्तान में कुल 21 आतंकी ठिकानों की पहचान की गई थी जिनमें से 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह फैसला ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने से पहले अंतिम समय में लिया गया था कि इन 9 टारगेट पर हमला किया जाएगा।

नई दिल्ली। भारत के डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने दिल्ली में फिक्की के एक कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी बहुत सारी बातें बताईं। उप सेना प्रमुख ने कहा कि जहां तक ​​’ऑपरेशन सिंदूर’ का सवाल है, मुझे लगता है कि हमें कुछ सबक सीखने चाहिए। सबसे पहला, एक सीमा, दो दुश्मन, वास्तव में तीन। पाकिस्तान सामने का मुख्य चेहरा था। जबकि चीन उसे हर संभव सहायता प्रदान कर रहा था। तुर्की ने भी इसी तरह पाकिस्तान को मदद देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि पिछले पांच वर्षों में आंकड़ों पर गौर करें, तो देखेंगे कि पाकिस्तान को मिलने वाले सैन्य उपकरणों में 81 प्रतिशत चीन के हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा कि चीन ने शायद यह समझा कि वह अपने हथियारों का परीक्षण वहां मौजूद विभिन्न अन्य हथियारों के खिलाफ कर सकता है। यह तरह से चीन एक लाइव लैब की तरह पाकिस्तान के जरिए अपने हथियारों को टेस्ट कर रहा था। जब भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर की वार्ता चल रही थी, तो पाकिस्तान को चीन से हमारे महत्वपूर्ण वेक्टरों के बारे में लाइव अपडेट मिल रहे थे। हमें मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत है जिससे भविष्य में इस तरह की चुनौतियों का सामना किया जा सके।

डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट ने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए हमारे नेतृत्व द्वारा दिया गया रणनीतिक संदेश स्पष्ट था। यदि आवश्यक हुआ तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। अब दर्द सहने की कोई गुंजाइश नहीं है, जैसा कि हमने कुछ वर्ष पहले किया था। ऑपरेशन सिंदूर के टारगेट और प्लानिंग बहुत सारे डेटा पर आधारित थी जो प्रौद्योगिकी और मानव खुफिया जानकारी का उपयोग करके एकत्र किया गया था। कुल 21 आतंकी ठिकानों की पहचान की गई थी जिनमें से 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह फैसला अंतिम समय में लिया गया था कि इन 9 लक्ष्यों पर हमला किया जाएगा। जब ​​हम किसी सैन्य लक्ष्य पर पहुंचते हैं, तो हमें इसे रोकने की कोशिश करनी चाहिए। युद्ध शुरू करना आसान है, लेकिन इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है।