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Opposition Meeting: एक्शन में विपक्ष, इंडिया गठबंधन ने बुलाई खरगे के आवास पर मीटिंग, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

Opposition Meeting: बीते दिनों इंडिया गठबंधन की आखिरी बैठक महाराष्ट्र में बुलाई गई थी, जिसमें 28 दल शामिल हुए थे। बैठक में तीन बिंदुओं वाला प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें एक साथ चुनाव लड़ने, एक साथ चुनाव प्रचार करने और सीट शेयरिंग को लेकर विचार व्यक्त किए गए थे।

नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आगामी 5 सितंबर को अपने आवास पर इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाई है। जहां रात्रिभोज की भी व्यवस्था की गई है। इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव, संसद के विशेष सत्र, वन नेशन…वन इलेक्शन, महिला आरक्षण बिल सहित कई मुद्दों को लेकर चर्चा हो सकती है। खरगे के आवास पर रात 8 बजे बैठक बुलाई गई है। जिसमे सभी को शिरकत करने के लिए न्योता भेजा गया है। कांग्रेस के इस कदम के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। बताया जा रहा है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान केंद्र की घेराबंदी को लेकर बैठक में चर्चा हो सकती है। इसके अलावा सरकार द्वारा पेश किए जा रहे विधेयकों को लेकर कैसे सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना है। इसका प्लान भी मीटिंग में तैयार किया जाएगा। बहरहाल, अब आगामी दिनों में धरातल पर इस बैठक की तासीर कैसी रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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बता दें कि बीते दिनों इंडिया गठबंधन की आखिरी बैठक महाराष्ट्र में बुलाई गई थी, जिसमें 28 दल शामिल हुए थे। बैठक में तीन बिंदुओं वाला प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें एक साथ चुनाव लड़ने, एक साथ चुनाव प्रचार करने और सीट शेयरिंग को लेकर विचार व्यक्त किए गए थे। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सभी नेताओं मीडिया के सामने एकजुटता का परिचय देकर इस बात पर जोर दिया था कि हम सब एक हैं, लेकिन अंदरखाने से खबर आ रही है कि मीटिंग के बाद ममता राहुल से खफा हो गईं। दरअसल, राहुल ने प्रेस कांफ्रेंस में अदानी का मुद्दा उठाया जिससे ममता बनर्जी खफा हो गई, जिसे अब इंडिया गठबंधन में पैदा हुए विभाजन के रूप मे रेखांकित किया जा रहा है।

mallikarjun khargeध्यान दें, बीते दिनों सरकार ने संसद का विशेष सत्र आहूत किया था। यह सत्र 18 से लेकर 22 सितंबर तक चलेगा, जिसमें सरकार कई विधेयक पेश करेगी। उधर, सरकार द्वारा विशेष सत्र आहूत किए जाने पर कांग्रेस हमलावर हो चुकी है। इस पर विपक्ष की ओर से सबसे पहले अधीर रंजन चौधरी का बयान सामने आया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि हमें तो इस बारे में जानकारी ही नहीं है। जब नवंबर दिसंबर में शीतकालीन सत्र होना ही है, तो बेवजह विशेष सत्र बुलाए जाने की आवश्यकता क्यों है। उधर, कुछ इस तरह के सुर दूसरे दलों की ओर से भी देखने को मिले थे।