नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी भोपाल में मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मुख्तलिफ मसलों का जिक्र कर विपक्षियों पर जोरदार प्रहार किया। प्रधानमंत्री ने जहां पटना में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक पर करारा प्रहार किया तो वहीं दूसरी तरफ यूसीसी और पसमांदा मुस्लिमों को लेकर भी पूर्व की कांग्रेस सरकार को सवालिया कठघरे में खड़ा किया। पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने हमेशा से ही पसमांदा मुस्लिमों को अपने राजनीतिक हित के रूप में देखा है। वहीं, प्रधानमंत्री ने यूसीसी पर सवाल उठा रहे विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर किसी परिवार में दो कानून होंगे, तो क्या वह परिवार चल पाएगा? जवाब बिल्कुल स्पष्ट है, नहीं चल पाएगा, इसलिए हम यूसीसी को जमीन पर उतारने की कवायद शुरू कर चुके हैं, लेकिन कुछ दल महज अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं।
बता दें कि यूसीसी को जमीन पर उतारने की कवायद पिछले कई दिनों से चल रही है। बीते दिनों उत्तराखंड सरकार ने मीडिया के सामने इसका मसौदा भी पेश किया था, जिसमें महिलाओं के विकास से लेकर शिक्षe, स्वास्थ्य सहित अन्य मुद्दे शामिल थे। लेकिन, अब यूसीसी को लेकर छिड़ा सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस सहित अन्य दल इसका विरोध कर रहे हैं। इसे संविधान द्वारा प्रद्त अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ बता रहे हैं। जिस पर आज राजधानी भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बड़ा बयान देकर कांग्रेस सहित अन्य दलों को आईना दिखाया है। वहीं, पीएम मोदी के उक्त बयान पर एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। जिसमें उन्होेंने क्या कुछ कहा है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
जो भी तीन तलाक के पक्ष में बात करते हैं, जो भी इसकी वकालत करते हैं… वो वोट बैंक के भूखे लोग मुस्लिम बेटियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय कर रहे हैं। तीन तलाक से केवल बेटियों पर अन्याय नहीं होता…पूरे परिवार तबाह हो जाते हैं। अगर तीन तलाक इस्लाम का जरूरी अंग है तो कतर, जॉर्डन,… pic.twitter.com/2VgOeyh3Ae
— BJP (@BJP4India) June 27, 2023
दरअसल, ओवैसी ने पीएम मोदी के उक्त बयान पर कहा कि, ‘मोदी जी ये बताइए कि क्या आप “हिन्दू अविभाजित परिवार” (HUF) को ख़त्म करेंगे? इसकी वजह से देश को हर साल ₹3064 करोड़ का नुक़सान हो रहा है। वहीं, पीएम मोदी द्वारा पसमांदा मुस्लिमों का जिक्र किए जाने पर भी ओवैसी ने निशाना साधा। पसमांदा मुस्लिमों का जिक्र कर ओवैसी ने कहा कि एक तरफ़ आप पसमांदा मुसलमानों के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, और दूसरी तरफ़ आपके प्यादे उनकी मस्जिदों पर हमला कर रहे हैं, उनका रोज़गार छीन रहे हैं, उनके घरों पर बुलडोज़र चला रहे हैं, उनकी लिंचिंग के ज़रिए हत्या कर रहे हैं, और उनके आरक्षण की मुख़ालिफ़त भी कर रहे हैं। आपकी सरकार ने ग़रीब मुसलमानों की स्कॉलरशिप ख़त्म कर दी। ओवैसी ने आगे कहा कि अगर पसमांदा मुसलमान का शोषण हो रहा है तो आप क्या कर आहे हैं? पसमांदा मुसलमान का वोट मांगने से पहले आपके कार्यकर्ता को घर-घर जाकर माफ़ी मांगनी चाहिए कि आपके प्रवक्ता और विधायक ने हमारे नबी-ए-करीम की शान में गुस्ताख़ी की।
वहीं, ओवैसी ने पीएम मोदी पर तीन तलाक को लेकर भी निशाना साधा। दरअसल पीएम मोदी ने ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि पाकिस्तान में भी तीन तलाक पर प्रतिबंध है, लेकिन भारत में कुछ लोग इसे लेकर हो हल्ला कर रहे हैं। जिस पर ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री आखिरकार पाकिस्तान के कानून से इतनी प्रेरणा क्यों ले रहे हैं? कुछ खुलकर बताएंगे कि आखिर माजरा क्या है। ओवैसी ने आगे कहा कि मोदी जी को पाकिस्तान के क़ानून से इतनी प्रेरणा क्यों मिल रही है? आपने तो यहां तीन तलाक़ के ख़िलाफ़ क़ानून भी बना दिया, लेकिन उसका ज़मीनी स्तर पर कुछ फ़र्क़ नहीं पड़ा।बल्कि महिलाओं पर शोषण और बढ़ गया है। हम तो हमेशा से माँग कर रहे हैं की क़ानून से समाज-सुधार नहीं होगा। ओवैसी ने आगे कहा कि अगर कानून बना ही है, तो उन मर्दों के खिलाफ भी बनना चाहिए, जो कि शादी करने के बाद अपनी बीवी को छोड़ देता है, लेकिन बीजेपी ने इस पर कानून नहीं बनाएगी। वहीं, ओवैसी ने ओबामा का भी जिक्र कर पीएम मोदी पर निशाना साधा।
दरअसल, अमेरिकी दौरे के दौरान ओबामा ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन को सुझाव दिया था कि पीएम मोदी से द्विपक्षीय वार्ता के दौरान अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा जरूर उठाए, क्योंकि उनके कार्यकाल में अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं और मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि अगर य़ह सिलसिला आगे भी जारी रहा, तो आगामी दिनों में भारत विभाजन की ओर बढ़ेगा, जो कि उसके हितों के लिए उचित नहीं है। वहीं, इससे ओबामा ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में य़ह भी कहा था कि अगर मुझे पीएम मोदी, जिन्हें मैं अच्छे से जानता हूं, वार्ता करने का मौका मिले, तो मैं निश्चित तौर पर भारत में अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ रहे हमले का मुद्दा उठाउंगा। बता दें कि ओबामा द्वारा किए गए इस मुद्दा का जिक्र किए जाने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी की घेराबंदी की थी। वहीं, अब मध्य प्रदेश में जनसभा को संबोधित करने के क्रम में पीएम मोदी ने बीजेपी को मुस्लिम हितैषी पार्टी के रूप में पेश करने की कोशिश की है।
#WATCH | PM should remember that he has taken oath on the Constitution drafted by Dr BR Ambedkar. All sections of the country have faith in Constitution and will not allow it to change: Arif Masood, Congress leader & Executive member of All India Muslim Personal Law Board on PM… pic.twitter.com/RWqv6Qn0wK
— ANI (@ANI) June 27, 2023
वहीं, पीएम मोदी द्वारा यूसीसी को उचित ठहराने को लेकर मुस्लिम पर्सनल बोर्ड का भी बयान सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री को याद रखना चाहिए कि उन्होंने डॉ. बीआर अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान की शपथ ली है। देश के सभी वर्गों को संविधान पर भरोसा है और वे इसे बदलने नहीं देंगे।
#WATCH | Uniform Civil Code should be first introduced in the Hindu religion. Every person including SC/ST should be allowed to perform pooja in any temple in the country. We don’t want UCC only because the Constitution has given protection to every religion: DMK leader TKS… pic.twitter.com/cZew1wnO4P
— ANI (@ANI) June 27, 2023
वहीं, यूसीसी पर डीएमके लीडर टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि समान नागरिक संहिता सबसे पहले हिन्दू धर्म में लायी जानी चाहिए। एससी/एसटी सहित प्रत्येक व्यक्ति को देश के किसी भी मंदिर में पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। हमें यूसीसी सिर्फ इसलिए नहीं चाहिए क्योंकि संविधान ने हर धर्म को सुरक्षा दी है। बता दें कि देश की राजनीति में यूसीसी को लेकर शुरू हुआ सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां बीजेपी इसकी वकालत कर रही है, तो वहीं कांग्रेस सहित अन्य दलों की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है। अब ऐसे में इस पूरे मुद्दे को लेकर शुरू हुआ विवाद आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है।