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कश्मीर मुद्दे को लेकर यूएन में एक बार फिर पाकिस्तान की हुई फजीहत, भारत ने बताया- आतंक का अड्डा

संयुक्त राष्ट्र में पकिस्तान की कश्मीर मुद्दे को भुनाने कोशिश एक बार फिर फेल हो गई है। पाकिस्तान खुद ही आतंकवाद और टेरर फंडिंग के मुद्दे पर घिरता नजर आ रहा है।

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र में पकिस्तान की कश्मीर मुद्दे को भुनाने कोशिश एक बार फिर फेल हो गई है। पाकिस्तान खुद ही आतंकवाद और टेरर फंडिंग के मुद्दे पर घिरता नजर आ रहा है। भारत ने पाकिस्तान की जमकर आलोचना की है।

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भारत ने आतंकवाद मसले पर पाक की जमकर आलोचना की

कश्मीर के मसले पर संयुक्त राष्ट्र को शामिल करने की पाकिस्तान की कोशिश फिलहाल पूरी तरह से नाकाम नजर आ रही है क्योंकि भारत ने उसकी हर साजिश का लगातार मुंहतोड़ जवाब दिया है। अब संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान की जमकर आलोचना की है।

Imran Khan

भारत ने पाकिस्‍तान को आतंकवाद का केंद्र बताया

भारत ने आतंकवाद को लेकर एक बार फिर से पाकिस्‍तान पर बड़ा हमला बोला है। तिरुमूर्ति ने पाकिस्‍तान को आतंकवाद का केंद्र बताया है। उन्‍होंने आतंकवादियों को पालने के लिए पाकिस्‍तान की कड़ी आलोचना की और कहा कि वहां पर अंतरराष्‍ट्रीय आतंकवादियों की सूची में शामिल सबसे ज्‍यादा आतंकी रहते हैं।

पाकिस्‍तान आतंकवाद का बड़ा केंद्र

तिरुमूर्ति ने सोमवार को कहा कि जमात-उद-दावा, लश्‍कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्‍मद और हिज्‍बुल मुजाहिद्दीन लगातार पाकिस्‍तान से अपना अभियान चलाए हुए हैं। उन्‍होंने कहा, ‘यह सर्वविदित है कि पाकिस्‍तान आतंकवाद का बड़ा केंद्र है। पाकिस्‍तान सबसे ज्‍यादा सूचीबद्ध आतंकवादियों और आतंकी गुटों का घर है इसमें जमात-उद-दावा, लश्‍कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्‍मद और हिज्‍बुल मुजाहिद्दीन शामिल हैं।’

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भारत ने पाक विदेश मंत्री को दिया है जवाब

आपको बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और रक्षा मंत्री परवेज खटक ने सोमवार को एलओसी और पीओके का दौरा किया था। इस दौरान अपने भाषण में कुरैशी ने माना कि दुनिया पर भारत का दबाव है, इसलिए ज्यादातर देश कश्मीर मामले पर खुलकर नहीं बोल पाते। उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान पहले जिस तरह कश्मीर की आवाज उठाता रहा है, इसमें अब भी कोई बदलाव नहीं आएगा। कुरैशी ने कहा- यह बात अब किसी से छिपी नहीं है कि दुनिया के ज्यादातर मुल्कों के भारत के साथ आर्थिक हित जुड़े है। यही वजह है कि ये देश कभी कश्मीर के मामले में खुलकर नहीं बोल पाते। ये सीधे तौर पर आर्थिक दबाव है. कुछ और वजह भी हैं, जिनकी वजह से ये मुल्क भारत के दबाव में काम करते हैं लेकिन, पाकिस्तान के साथ ऐसा नहीं है। वो पहले भी यह मुद्दा पूरी ताकत से उठाता रहा है और आगे भी ऐसा ही करेगा। इस बात का जवाब संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने दिया।