
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने सुरक्षा मामलों से जुड़े सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि पाकिस्तान के नेताओं और सेना की टॉप लीडरशिप के कहने पर आईएसआई ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर पहलगाम में आतंकी हमला कराया था। अखबार को सूत्रों ने बताया है कि पहलगाम का आतंकी हमला पूरी तरह पाकिस्तानी आतंकियों से कराया गया, ताकि इसके बारे में जानकारी लीक न हो सके। सूत्रों के मुताबिक आईएसआई ने लश्कर के पाकिस्तान में लश्कर के कमांडर साजिद जट्ट को इसके लिए निर्देश दिए थे।

सूत्रों के मुताबिक पहलगाम हमले को सुलेमान नाम के आतंकी ने लीड किया। सुरक्षा से जुड़ी सूत्रों का मानना है कि सुलेमान पाकिस्तान के स्पेशल फोर्सेज का कमांडो है। सुलेमान ने 2022 में एलओसी पार कर जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ की थी। उससे पहले उसने लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके में ट्रेनिंग भी ली। पहलगाम हमले में सुलेमान के अलावा दो और पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे। सैटेलाइट फोन के डेटा के विश्लेषण से पता चला है कि 15 अप्रैल को सुलेमान त्राल के जंगलों में था। यानी वो पहलगाम की बैसरन घाटी के पास ही रहा था। सुलेमान ने ही अप्रैल 2023 में जम्मू के पुंछ इलाके में सेना के ट्रक पर हमला किया था। उस हमले में पांच जवान शहीद हुए थे।
पहलगाम आतंकी हमले में मददगार के तौर पर जून में जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार परवेज अहमद जोठर और बशीर अहमद जोठर की भूमिका भी नगण्य रही थी। दोनों पर आरोप है कि चंद रुपयों के कारण उन्होंने पहलगाम की बैसरन घाटी में हमला करने वाले आतंकियों को भोजन, रहने की जगह वगैरा दी। परवेज और बशीर ने पूछताछ में बताया है कि उनको बैसरन घाटी में आतंकी हमले की कोई जानकारी नहीं थी। पहलगाम का आतंकी हमला 22 अप्रैल को हुआ था। जहां आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 हिंदू पर्यटकों की हत्या की थी। इसके बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। पाकिस्तान की सेना ने जब पलटवार की कोशिश की, तो उसे भी भारतीय सेना ने बड़ा सबक सिखाया था।