नई दिल्ली। कोरोना काल की वजह से देश में हर रोज 90 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इसका असर अब देश की संसद पर भी देखने को मिल रहा है। बता दे कि 14 सितंबर से शुरू हुए मानसून सत्र को अब एक हफ्ते पहले ही समेटने की खबर है। रायटर्स की एक रिपोर्ट में शनिवार को संसद के दो वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से यह बात कही गई है। माना जा रहा है कि 1 अक्टूबर तक चलने वाले इस सत्र को कोरोना के मामलों को देखते हुए 8 दिन पहले ही सीमित करने का फैसला किया गया है। दो अधिकारियों में से एक ने न्यूज एजेंसी रायटर्स को बताया कि सत्र की शुरुआत के बाद से पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ गई है, इसलिए सरकार सत्र को छोटा करने की सोच रही है। सूत्रों के अनुसार लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में शामिल ज्यादातर पार्टियों के नेताओं ने सत्र को निर्धारित समय से पहले खत्म करने की पैरवी की।
विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि 18 दिनों का सत्र जोखिम भरा हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने इस दिशा में विचार करना आरंभ कर दिया है। बता दें कि संसद के कम से कम 17 लोकसभा सदस्य (एमपी) और 9 राज्यसभा सदस्य संसद के मानसूत्र सत्र के पहले दिन सोमवार को कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव निकले थे। गृह मंत्री अमित शाह समेत कम से कम 7 केंद्रीय मंत्री और कई राज्यों के मुख्यमंत्री कोविड-19 के टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे। अब तक दो दर्जन से अधिक संसदों को वायरल फीवर हो चुका है।
वहीं देश में कोरोना की ताजा स्थिति की बात करें तो देशभर में कोरोना के कुल मामले 54 लाख तक पहुंच गए हैं। वहीं मरने वालों की तादाद अब 86 हजार से अधिक हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार सुबह 8:00 बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 93,337 नए मामले सामने आए, जिसके साथ देश में कोविड-19 के कुल 53,08,014 मामले हो गए हैं. बीते 24 घंटे में 1,247 संक्रमितों की मौत हुई है जिसके साथ मृतक संख्या बढ़कर 85,619 हो गई. हालाकि, 24 घंटे में ही 95,880 लोग संक्रमणमुक्त हो गए हैं.