अयोध्या। रामनगरी यानी अयोध्या में नए बने राम मंदिर में पहली राम नवमी मनाई जा रही है। भगवान रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या में श्रद्धालुओं का तांता उमड़ पड़ा है। राम मंदिर बनने के बाद भगवान रामलला के मनोहारी रूप का दर्शन करने के लिए श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं में भगवान राम का सूर्य तिलक देखने का भी जबरदस्त उत्साह है।
#WATCH | Uttar Pradesh: Devotees throng Ram temple in Ayodhya, on the occasion of #RamNavami pic.twitter.com/H2n0sQi4AP
— ANI (@ANI) April 17, 2024
भगवान राम के सूर्य तिलक के लिए यहां वैज्ञानिकों ने पेरिस्कोप जैसा यंत्र लगाया है। इस यंत्र के जरिए सूर्य की किरणों को भगवान रामलला के विग्रह के मस्तक पर 5 मिनट के लिए डाला जाएगा। इस यंत्र के जरिए रामलला के सूर्य तिलक का टेस्ट बीते दिनों किया गया था। ठीक दोपहर 12 बजे भगवान रामलला का सूर्य तिलक होना है। जिस पेरिस्कोप जैसे यंत्र को रामलला के सूर्य तिलक के लिए राम मंदिर के ऊपर स्थापित किया गया है, उसमें 4 लेंस और 2 शीशे भी भीतरी हिस्से में लगे हैं। इन लेंस के जरिए सूर्य की रोशनी को बिना छितराए एक बिंदु बनाया जाएगा और फिर सूर्य किरणों का वो बिंदु भगवान रामलला के विग्रह के मस्तक पर दिखेगा।
खास बात ये है कि हर साल इस पेरिस्कोप की दिशा थोड़ी बदलकर राम नवमी पर भगवान रामलला का सूर्य तिलक किया जा सकेगा। भगवान रामलला के सूर्य तिलक का ये आइडिया श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया था। इसके बाद वैज्ञानिकों को इसका तरीका खोजने के लिए ट्रस्ट ने कहा। वैज्ञानिकों ने तमाम गणित और सूर्य की दिशा तय करने के बाद पेरिस्कोप बनाया। वहीं, राम मंदिर का काम भी तेजी से चल रहा है। एक साथ मंदिर और उसका परकोटा बनाए जा रहे हैं। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के अनुसार इस साल दिसंबर तक राम मंदिर और उसका परकोटा व श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्था पूरी तरह तैयार हो जाएंगी। भगवान रामलला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम इस साल 22 जनवरी को हुआ था।