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खुल गई पाकिस्तान के दावों की पोल, 132 बच्चों की हत्या करने वाले आतंकी इस्लामाबाद में नजर आया

पाकिस्तान के पेशावर आर्मी स्कूल में हुए आतंकी हमले के मुख्य आरोपी से जुड़ा बड़ा खुलासा हुआ है। ताजा रिपोर्ट और सूत्रों के मुताबिक टॉप पाकिस्तान तालिबान लीडर एहसानुल्लाह एहसान को इस्लामाबाद में ट्रेस किया गया है।

नई दिल्ली। पाकिस्तान के पेशावर आर्मी स्कूल में हुए आतंकी हमले के मुख्य आरोपी से जुड़ा बड़ा खुलासा हुआ है। ताजा रिपोर्ट और सूत्रों के मुताबिक टॉप पाकिस्तान तालिबान लीडर एहसानुल्लाह एहसान को इस्लामाबाद में ट्रेस किया गया है। यानी ये टॉप तालिबानी नेता और पेशावर आर्मी स्कूल में हुए आतंकी हमले का मुख्य आरोपी पाकिस्तान में छुपा हुआ है।

Ehsanullah Ehsan Taliban Leader

ट्विटर के फोरेंसिक विश्लेषण के आधार पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एहसानुल्लाह को इस्लामाबाद में ट्रेस किया है, जोकि इस दावे के विपरीत है कि एहसानुल्लाह तुर्की में रहता है।

Ehsanullah Ehsan Taliban Leader

पुरानी रिपोर्टों के मुताबिक तहरीक ए तालिबान का पूर्व प्रवक्ता एहसानुल्लाह तुर्की भाग गया था लेकिन नए सबूत इशारा करते हैं कि वह इस्लामाबाद में है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक एहसानुल्लाह इस्लामाबाद में ISI की सुविधाओं के बीच है। इस दौरान वह स्पेशल ऑपरेशन पर है जिसमें अफगान नेताओं पर हमले की साजिश रची जा रही है। वहीं लोगों को भ्रमित करने के लिए ये दावा किया जा रहा है कि वह तुर्की में है। एहसानुल्लाह एहसान को लियाकत अली उर्फ सज्जाद मोहम्मद के नाम से भी जाना जाता है।


नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजरी बोर्ड ऑफ इंडिया की मानें तो उन सेना के परिवारों पर दवाब बनाया जा रहा है, जिनके बच्चों की APS हमले में मौत हुई और वह न्याय का इंतजार कर रहे हैं। एहसानुल्लाह मुख्य आरोपी था। सेना के सुरक्षित घर और पाकिस्तान में उसकी (एहसानुल्लाह) निरंतर उपस्थिति इस प्रकार उनके (पाक) लिए शर्मनाक थी। उसे (एहसानुल्लाह) भागते हुए दिखाना सुविधाजनक था, जिससे सेना पर दबाव रूक जाए।

बता दें कि 16 दिसंबर 2014 को तहरीक ए तालिबान के 6 आतंकी पाकिस्तान के एक स्कूल में घुसे थे और स्कूल के स्टाफ और बच्चों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं थीं। इस घटना में 149 लोगों में से, 132 बच्चों की मौत हो गई थी। दिसंबर 2015 में इस मामले में 4 लोगों को फांसी दी गई थी। एहसानुल्लाह के भागने की खबर सबसे पहले तब फैली थी जब 11 जनवरी 2020 को एक छोटा ऑडियो मैसेज वायरल हुआ था। जिसमें एक पूर्व आतंकी ने ये खुलासा किया था कि एहसानुल्लाह पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों की हिरासत से भागने में कामयाब हो गया। 2012 में एहसान ने मलाला युसुफजई पर हमले का दावा करते हुए, इसकी जिम्मेदारी ली थी। 2014 में बाघा बॉर्डर के पास सुसाइड बॉम्बिंग हुई थी, जिसमें 60 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसमें भी एहसानुल्लाह का हाथ माना गया था।

Peshawar Army School Terror attack

अब पाकिस्तान के लिए इन सवालों का जवाब देना मुश्किल होगा क्योंकि सामने आए सबूत एहसानुल्लाह के इस्लामाबाद में होने की तरफ इशारा कर रहे हैं और पहले की रिपोर्ट के मुताबिक वह पाक सेना की कस्टडी से भागा था।

UN की इस रिपोर्ट से हुआ पाकिस्तान-तालीबान के कनेक्शन का खुलासा

संयुक्त राष्ट्र की मॉनिटरिंग टीम ने अपनी एक रिपोर्ट में पाकिस्तान के तालिबानी कनेक्शन का चौंका देने वाला खुलासा किया है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगान सरकार के खिलाफ तालिबान के जिहाद को समर्थन देने के लिए हजारों पाकिस्तानियों सहित पाक लड़ाकों का भी समर्थन मिल रहा है। रिपोर्ट में आतंकवादियों के खिलाफ पाकिस्तान का दोहरा चरित्र सामने आया है।

Peshawar Army School Terror attack

रिपोर्ट में कहा गया है कि भागीदारी के लिए पाकिस्तान के तीन प्रमुख समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद अफगानिस्तान के अंदर अफगान तालिबान की छत्रछाया में काम करते हैं।

Terrorists

रिपोर्ट के अनुसार कुंअर में लगभग 500 और नंगरहार में लगभग 180 फाइटर्स हैं। अफगानिस्तान में हमलों को अंजाम देने के अलावा, भारत के अंदर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद ने एक साथ हमला किया था। लश्कर-ए-तैयबा के अफगानिस्तान में लगभग 800 फाइटर्स और जैश-ए-मोहम्मद के अनुमानित 200 फाइटर्स हैं।