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Aurangzeb Tomb Controversy : औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका

Aurangzeb Tomb Controversy : केतन तिरोडकर नाम के एक शख्स ने अपनी यााचिका में अदालत से मांग की है कि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को औरंगजेब की कब्र को राष्ट्रीय स्मारकों की सूची से हटाए जाने का निर्देश दिया जाए और कब्र को ध्वस्त कर दिया जाए। दूसरी तरफ एनआईए अफसरों ने औरंगजेब की कब्र का निरीक्षण किया।

नई दिल्ली। औरंगजेब को लेकर शुरू हुआ विवाद अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। महाराष्ट्र के संभाजी नगर में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग तूल पकड़ती जा रही है। अब इस मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस जनहित याचिका को केतन तिरोडकर नाम के एक शख्स ने दाखिल की है। इसमें उन्होंने अदालत से मांग की है कि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को औरंगजेब की कब्र को राष्ट्रीय स्मारकों की सूची से हटाए जाने का निर्देश दिया जाए और कब्र को ध्वस्त कर दिया जाए।

उधर, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों ने आज औरंगजेब की कब्र का दौरा किया और आसपास के इलाके का निरीक्षण किया। नागपुर में 17 मार्च को भड़की हिंसा में बांग्लादेश कनेक्शन सामने आने के बाद एनआईए इस संबंध में केस दर्ज कर सकती है। आपको बता दें कि 17 मार्च को नागपुर में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया गया था। उस दौरान औरंगजेब का पुतला भी फूंका गया था। इसके बाद वहां मुस्लिम समुदाय के लोग इकट्ठा हुए और रात होते-होते हिंसा भड़क गई। पुलिस ने इस हिंसा के मास्टर फहीम शमीम खान को गिरफ्तार किया है।

फहीम और अन्य 5 आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। फहीम शमीम खान माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) का शहर अध्यक्ष है। फहीम शमीम खान ने 2024 के लोकसभा चुनाव में नागपुर सीट से इलेक्शन लड़ा था। पुलिस का आरोप है कि फहीम ने ही मुस्लिम समुदाय के लोगों को इकट्ठा किया और फिर उन्हें भड़का कर हिंसा कराई। पुलिस द्वारा इस मामले में 10 अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थी। वहीं अब तक 90 से ज्यादा लोगों को हिंसा के आरोप में गिरफ्तार भी किया जा चुका है।