नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने BAPS प्रमुख पूज्य महंत स्वामी महाराज जी के 91वें जन्मदिवस पर ट्विटर के माध्यम से अपनी भावनाएं साझा कीं। गोयल ने महंत स्वामी महाराज जी के चरणों में प्रणाम कर आशीर्वाद पाने को एक अनमोल सौभाग्य बताया। पीयूष गोयल ने अपने पोस्ट में वर्ष 1995 के उस समय को भी याद किया, जब तत्कालीन प्रमुख स्वामी महाराज जी के 75वें जन्मदिवस के अवसर पर चूनाभट्टी, सायन में 37 दिवसीय अमृत महोत्सव आयोजित किया गया था। गोयल उस महोत्सव का हिस्सा बने थे, जो उनके जीवन की एक अविस्मरणीय स्मृति है। उन्होंने कहा कि बीएपीएस ने धर्म जागरण के साथ-साथ समाज कल्याण के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्ट कार्य किए हैं। संस्था शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, आपदा राहत और कई अन्य सामाजिक सेवाओं में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
गोयल ने अपनी पुरानी यादों को साझा करते हुए कहा कि हर बार जब वह देश-विदेश की यात्रा करते हैं, तो वे BAPS के मंदिरों में जाकर आशीर्वाद लेना नहीं भूलते। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे स्वामीजी के दर्शन उन्हें दिव्य ऊर्जा से भर देते हैं, और यह अनुभव उनके जीवन के अद्भुत क्षणों में से एक है।
कल BAPS प्रमुख पूज्य महंत स्वामी महाराज जी के 91वें जन्मदिवस पर उन्हें प्रणाम कर आशीर्वाद पाने का सौभाग्य मिला।
मुझे आज भी वर्ष 1995 का वो समय याद आता है जब तत्कालीन प्रमुख स्वामी महाराज जी के 75वें जन्मदिवस के अवसर पर चूनाभट्टी, सायन में आयोजित 37 दिवसीय अमृत महोत्सव का मैं… pic.twitter.com/sfoIlWPJ3C
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 14, 2024
बीएपीएस के अद्वितीय योगदान
BAPS , जिसे स्वामीनारायण संप्रदाय के तहत स्थापित किया गया था, आज एक वैश्विक आध्यात्मिक संगठन के रूप में विख्यात है। संस्था के लाखों अनुयायी विश्वभर में फैले हुए हैं और BAPS के मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र हैं, बल्कि सामाजिक सेवा और कल्याण के भी सशक्त केंद्र बने हुए हैं। BAPS की प्रमुख उपलब्धियों में अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली और गुजरात के गांधीनगर स्थित अक्षरधाम मंदिर प्रमुख हैं, जो अपनी भव्यता, संस्कृति और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। महंत स्वामी महाराज के नेतृत्व में संस्था ने न केवल धार्मिक शिक्षा दी है, बल्कि जीवन में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भी प्रोत्साहित किया है।
BAPS के धर्म और सेवा के संयुक्त दृष्टिकोण के कारण, यह संस्था शिक्षा, चिकित्सा, पर्यावरण संरक्षण, और मानव सेवा जैसे क्षेत्रों में भी प्रमुखता से कार्य कर रही है। संस्था की ओर से चलाए गए अस्पताल, स्कूल, और स्वास्थ्य सेवाएं समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
महंत स्वामी महाराज की विरासत
महंत स्वामी महाराज, जिनका जन्म 13 सितंबर, 1933 को हुआ था, BAPS के छठे आध्यात्मिक गुरु हैं। उनके नेतृत्व में, BAPS ने विश्वभर में अध्यात्म, नैतिकता और सेवाभाव का प्रचार किया है। स्वामीजी की सरलता, करुणा, और अनुशासन ने उन्हें अनुयायियों के बीच एक अद्वितीय व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया है। वे अपने अनुयायियों को जीवन के हर क्षेत्र में श्रेष्ठता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।