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Delhi Politics : मेयर चुनाव से पहले दिल्ली में हो गया खेला! BJP से मिली हार का ठीकरा AAP ने कांग्रेस पर क्यों फोड़ दिया

Delhi Politics : भारद्वाज ने कहा, ‘सक्सेना ने कांग्रेस पार्षद नाजिया दानिश को कमिटी के लिए नामित किया जोकि ठीक नहीं है। अंत में वह वोटिंग से गैरहाजिर रही और बीजेपी उम्मीदवार की जीत को सुनिश्चित किया। मैं यह खबरों में देख रहा हूं कि पहली बार बीजेपी की कोई कार्यकर्ता हज कमिटी की अध्यक्ष चुनी गई है।

नई दिल्ली। मेयर चुनाव से पहले दिल्ली में हज कमिटी के अध्यक्ष पद पर गुरुवार को हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी को करारा झटका दिया है। दिल्ली में भाजपा की मुस्लिम नेता कौसर जहां ने दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी को हराकर चुनाव में जीत दर्ज की। हालांकि, अब ‘आप’ ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस और भाजपा के बीच मिलीभगत थी और इसी वजह से कौसर जहां को जीत मिल गई। अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने एलजी पर भी ठीकरा फोड़ा है। दिल्ली सचिवालय में हुए चुनाव में भाजपा की कौसर जहां को कुल पड़े 5 में से तीन वोट मिले। वह इस पद पर चुनी गईं दूसरी महिला प्रत्याशी हैं।

आपको बता दें कि इसपर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलजी वीके सक्सेना पर आरोप लगाए और कहा कि उन्होंने दिल्ली हज कमिटी के सदस्यों को नामित करने में बेइमानी की। विधायक ने कहा, ‘सदस्यों को नामित करने का उनके पास कोई अधिकार नहीं है, लेकिन उन्होंने ऐसा किया और दिल्ली के लोगों के साथ बेइमानी की।’ भारद्वाज ने कहा, ‘सक्सेना ने कांग्रेस पार्षद नाजिया दानिश को कमिटी के लिए नामित किया जोकि ठीक नहीं है। अंत में वह वोटिंग से गैरहाजिर रही और बीजेपी उम्मीदवार की जीत को सुनिश्चित किया। मैं यह खबरों में देख रहा हूं कि पहली बार बीजेपी की कोई कार्यकर्ता हज कमिटी की अध्यक्ष चुनी गई है। जिसको भाजपा की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इसे इस तरह पेश कर रही है जैसे कि उन्होंने कोई बेहद बड़ा चुनाव जीत लिया है। यह सिर्फ छह सदस्यों वाला चुनाव है।’ कमिटी में बीजेपी सांसद गौतम गंभीर, आप विधायक अब्दुल रहमान और हाजी यूनुस, कांग्रेस पार्षद दानिश, मुस्लिम धर्मगुरु मोहम्मद साद और मुस्लिम स्वंयसेवी संस्थाओं की सदस्य कौसर जहां हैं। इसके अलावा सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘यदि दानिश ने बीजेपी के लिए वोट किया होता तो उसके समुदाय के लोग सवाल उठाते। यदि वह आप के लिए वोट करती तो टाई हो जाता। लेकिन वह वोटिंग से गैरहाजिर रही। इसका मतलब है कि कांग्रेस और भाजपा में मिलीभगत थी और यह सुनिश्चित किया कि भाजपा की विचारधारा वाली महिला इस पोस्ट के लिए चुनी जाए।’ आप नेता आतिशी ने एलजी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सक्सेना ‘स्वतंत्र निर्णय लेने वाली शक्ति ‘ के बजाय ‘असंवैधानिक’ तरीके से निर्णय लाया जा रहा है।