नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी के इस एक कदम से पूर्वी लद्दाख पर कब्जे की नीयत रखने वाले चीन को और मिर्ची लगनी तय है। मोदी ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के बहाने चीन को झटका दिया है। दलाई लामा आज 87 साल के हो गए। उनके जन्मदिन पर मोदी ने फोन कर शुभकामनाएं दी। मोदी ने खुद इसकी जानकारी ट्वीट कर दी है। पीएम की तरफ से दलाई लामा को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने से चीन जरूर बौखलाएगा। दरअसल, चीन दलाई लामा को पसंद नहीं करता और उन्हें अगर कोई शुभकामनाएं देता है, तो उसके खिलाफ भी बोलने लगता है।
Conveyed 87th birthday greetings to His Holiness the @DalaiLama over phone earlier today. We pray for his long life and good health.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 6, 2022
दलाई लामा तिब्बत के सबसे बड़े धर्मगुरु हैं। वो साल 1959 में चीन की तत्कालीन सरकार के अत्याचार की वजह से भारत आ गए थे। चोरी-छिपे दलाई लामा के भारत पहुंचने के बाद ही नाराज चीन ने भारत पर साल 1962 में हमला भी किया था। तिब्बत पर चीन के कब्जे के बाद से ही भारत के साथ उसकी सीमाएं मिलने लगीं। इससे पहले चीन और भारत की सीमा के बीच अलग तिब्बत देश था। दलाई लामा के साथ वहां से उनकी सरकार के लोग भी भारत आ गए थे। तभी से हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में निर्वासित तिब्बती सरकार काम कर रही है।
मोदी का दलाई लामा को फोन कर जन्मदिन की बधाई देने से भारत के साथ उसका लंबे समय से जारी सीमा विवाद में भारतीय नेतृत्व के सख्त रुख का अंदाजा जरूर हो जाएगा। इससे पहले चीन ने दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश दौरे का भी विरोध किया था। तब भी भारत सरकार ने उसकी बात न सुनते हुए दलाई लामा को अरुणाचल जाने दिया था। दरअसल, चीन अरुणाचल को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है और उसपर दावा करता है। 1962 की जंग में चीन के सैनिक अरुणाचल के तवांग तक घुस आए थे। बाद में वे वापस चले गए थे।