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PM मोदी ने संस्कृत से अपने लगाव को किया जाहिर, बताया वैज्ञानिक और सब तक पहुंचने वाली भाषा

Sanskrit week: प्रधानमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में आगे लिखा है कि दुनिया की प्राचीन भाषाओं में से एक संस्कृत है और यह भाषा कई और भाषाओं का आधार भी है। उन्होंने लिखा है कि हमारे पूर्वजों और ज्ञानियों ने संस्कृत के जरिए तपस्या की और इसे वैज्ञानिक स्तर की भाषा का दर्जा दिलाया।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने प्राचीन भाषा संस्कृत के प्रति अपने लगाव को जाहिर किया है। उन्होंने संस्कृत सप्ताह के मौके पर अपना शुभकामना संदेश भी इसी भाषा में दिया है। संस्कृत सप्ताह हर साल 19 से 25 अगस्त तक मनाया जाता है। मोदी ने अपने शुभकामना संदेश में लिखा है कि संस्कृत सप्ताह मनाए जाने के बारे में पता चलने पर काफी खुशी हो रही है। इस मौके पर मैं संस्कृत भाषा का प्रचार और प्रसार करने वाले गुणी और विद्वतजनों को दिल से शुभकामना देता हूं। पीएम ने लिखा है कि संस्कृत भाषा के साहित्य के साथ ही हमारे जीवन के हर क्षेत्र में इस भाषा से मिलने वाला ज्ञान भी मौजूद है। उन्होंने लिखा है कि संस्कृत में काफी साहित्य तो है ही, साथ ही विज्ञान, संस्कार, दर्शनशास्त्र के ग्रंथ भी इसी भाषा में लिखे गए हैं।

प्रधानमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में आगे लिखा है कि दुनिया की प्राचीन भाषाओं में से एक संस्कृत है और यह भाषा कई और भाषाओं का आधार भी है। उन्होंने लिखा है कि हमारे पूर्वजों और ज्ञानियों ने संस्कृत के जरिए तपस्या की और इसे वैज्ञानिक स्तर की भाषा का दर्जा दिलाया। उन्होंने खुशी जताते हुए लिखा है कि तंत्रज्ञान की किताबें भी संस्कृत में हैं और इससे यह भाषा ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंची है। मोदी ने लिखा कि दुनिया में संस्कृत सीखने और जानने के प्रति उत्साह भी बढ़ रहा है।

उन्होंने लिखा कि संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान कई तरह के काम कर रहा है और उसके इस काम की मैं तारीफ करता हूं। मोदी ने आगे लिखा कि युवाओं में भी संस्कृत लोकप्रिय हो रही है और इससे वे हमारी प्राचीन संस्कृति और परंपरा के बारे में जानकारी लेकर अपना योगदान दे रहे हैं।