नई दिल्ली। अयोध्या में भगवान राम का भव्य और दिव्य मंदिर बनकर तैयार है। इसको लेकर 500 वर्षों से अधिक का संघर्ष रहा है। 22 जनवरी को आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गर्भगृह में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करने वाले हैं। इसके लिए वो लगातार 11 दिन के व्रत पर भी हैं। तथा सभी शास्त्रीय नियमों का पालन भी कर रहे हैं। लेकिन भगवान राम और उनके आदर्शों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये लगाव नया नहीं है। बल्कि पहले भी वो चाहे गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए, या RSS के कार्यकर्ता कर रूप में भगवान राम के आदर्शों की सराहना करते आये हैं। वो भगवान राम के सामाजिक दृष्टिकोण के मुरीद रहे हैं।
आज से ठीक 24 साल पहले पीएम मोदी ने भगवान राम के सामाजिक सद्भाव को रामराज्य कहते हुए, शबरी और वानर सेना, आदिवासियों के साथ उनके जुड़ाव को लेकर बात की थी। इसके जरिए उन्होंने लोगों को एक भाषण के दौरान समझाया था कि कैसे भगवान राम ने शबरी के बेर खाए, जबकि उन्हें पता था कि वे जूठे हैं। इसके साथ ही निषाद राज के साथ भाई के समान व्यवहार कर उन्हें भी अनुग्रहीत किया था। उन्होंने बताया कि कैसे प्रभु राम का सदैव सामाजिक सौहार्द और भेदभाव रहित सामाजिक दृष्टिकोण रहा।
देखिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 24 साल पुराना वो वीडियो
Just a few days ago Prime Minister @narendramodi rightly said, the story of Shri Ram is impossible without Mata Shabri…
Here’s a timeless gem from the archives from the year 2000, where Narendra Modi discusses social inclusivity with the youth through the story of Bhagwaan… pic.twitter.com/JOgQtJnnFb
— Modi Archive (@modiarchive) January 19, 2024