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CDS बिपिन रावत के निधन पर पहली बार सभा में बोले PM मोदी- “भारत दुख में है, जनरल बिपिन रावत जी जितने…”

पीएम मोदी ने अपना संबोधित शुरू करते हुए कहा कि हम ई पावन धरती कै बारंबार प्रणाम करितअ हय। आज हमें आदिशक्ति मां पाटेश्वरी के पावन धरती अउ छोटी काशी कै नाम से विख्यात बलरामपुर कै धरती पा फिर आवे कै मौका मिला। आपसे हमें खूब आशीर्वाद मिला है।

नई दिल्ली। तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में CDS बिपिन रावत समेत उनकी पत्नी और 11 जवान शहीद हो गए। इस दुर्घटना से पूरा देश सदमे में था। अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। जब सभी जवानों का शव दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर पहुंचा तो पीएम मोदी, रक्षा मंत्री,राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार समेत कई बड़े अधिकारी पहुंचे। हालांकि पीएम मोदी ने तब सभी जवानों को नमन किया था और ट्वीट कर कहा था कि “जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के अन्य कर्मियों को मेरा अंतिम सम्मान दिया। भारत उनके समृद्ध योगदान को कभी नहीं भूलेगा।”

वहीं जब आज पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे तब उन्होंने सीडीएस बिपिन रावत की भी बात की। पीएम मोदी ने बिपिन रावत को नमन करते हुए कहा कि राष्ट्र निर्मातों और राष्ट्र रक्षकों की इस धरती से मैं आज देश के उन सभी वीर योद्धाओं को श्रद्धांजलि देता हूं, जिनका 8 दिसंबर को हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत जी का जाना हर भारत प्रेमी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। जनरल बिपिन रावत जी जितने जांबाज थे, देश की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जितनी मेहनत करते थे, पूरा देश उसका साक्षी है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षाओं को बढ़ाने का काम, देश की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान, तीनों सेनाओं में तालमेल बढ़ाने का काम तेजी से आगे बढ़ता रहेगा। भारत दुख में है. लेकिन दर्द सहते हुए भी अपनी न गति रोकते हैं और न ही हमारी प्रगति। भारत रूकेगा नहीं, भारत थमेगा नहीं। आपको बता दें कि शनिवार को पीएम मोदी ने बलरामपुर में सरयू नहर परियोजना का उद्घाटन किया। 9800 करोड़ रुपये की लागत की सरयू नहर परियोजना से 9 जिलों के 29 लाख किसानों को लाभ पहुंचने की उम्मीद जताई गई है।

पीएम मोदी ने अपना संबोधित शुरू करते हुए कहा कि हम ई पावन धरती कै बारंबार प्रणाम करितअ हय। आज हमें आदिशक्ति मां पाटेश्वरी के पावन धरती अउ छोटी काशी कै नाम से विख्यात बलरामपुर कै धरती पा फिर आवे कै मौका मिला। आपसे हमें खूब आशीर्वाद मिला है। क्रांतिकारियों की इस धरती ने देश की स्वतंत्रता में अपना असीम योगदान दिया। अयाेध्या में बन रहे प्रभु श्रीराम के मंदिर की जब जब बात होगी, बलरामपुर रियासत के महाराजा पाटेश्ववरी प्रसाद सिंह का उल्लेख जरूर होगा।