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चीन को पीएम मोदी का स्पष्ट संदेश, इतिहास गवाह रहा है- विस्तारवादी ताकतें कभी स्थिर नहीं रह पाईं, वह मिटा दी गईं

चीन को खुली चुनौती देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है, यह युग विकासवाद का है। तेजी से बदलते समय में विकासवाद ही प्रासंगिक है और इसी के लिए अवसर है। विकासवाद ही भविष्य का आधार भी है।

नई दिल्ली। चीन से सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अचानक लेह पहुंचे। यहां उन्होंने अग्रिम पोस्ट पर जवानों से मुलाकात की और मौजूदा हालातों का जायजा लिया। एक तरफ जहां उन्होंने सेना के जवानों का हौसला बढ़ाया। वहीं दूसरी और चीन को कड़ा संदेश भी दिया। पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए चीन को जमकर फटकार भी लगाई।

चीन को खुली चुनौती देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है, यह युग विकासवाद का है। तेजी से बदलते समय में विकासवाद ही प्रासंगिक है और इसी के लिए अवसर है। विकासवाद ही भविष्य का आधार भी है। पीएम मोदी ने इतिहास याद दिलाते हुए कहा कि बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का सबसे ज्यादा अहित किया और मानवता को बर्बाद करने का प्रयास किया। विस्तारवाद जब भी किसी के दिमाग पर सवार हुआ तो उसने हमेशा विश्व शांति के लिए खतरा पैदा किया है।

पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट गई हैं या मुड़ने के लिए मजबूर हो गई हैं। विश्व का हमेशा यही अनुभव रहा है और इसी के आधार पर इस बार फिर से पूरे विश्व ने विस्तारवाद के खिलाफ मन बना लिया है। आज विश्व विकासवाद को समर्पित है और विकास की खुली स्पर्धा का स्वागत कर रहा है।

बता दें कि प्रधानमंत्री की इस विजिट के बाद से चीन भी बैकफुट पर दिख रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि लद्दाख में भारत और चीन तनाव कम करने के लिए सैनिक और डिप्लोमैटिक चैनल के जरिए बात कर रहे हैं ऐसे में किसी भी पक्ष को ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे स्थिति में तनाव बड़े।