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तीन दिवसीय यूरोप दौरे पर निकलेंगे PM मोदी, करेंगे इन देशों का दौरा, तैयार किया गया भारत के लिए ये बड़ा प्लान

बहरहाल, यहां ध्यान देने वाली बात है कि पीएम मोदी ऐसे वक्त में यूरोप दौरे के लिए रवाना हो रहे हैं, जब रूस और यूक्रेन युद्ध का सिलसिला जारी है। तमाम कोशिशों के बावजूद भी युद्ध का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, जर्मनी का  यूक्रेन को लेकर नरम रूख और उसका रूस के प्रति विरोध जगजाहिर है।

नई दिल्ली। इस बात में कोई दो मत नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत ने विदेश नीति के मोर्चे पर सफलता का परचम लहराया है, उन्होंने देश को विदेश नीति के मोर्चे पर वो मुकाम दिलवाया है, जो आज भी कई देशों के लिए स्वप्न सरीखा ही है। विगत दिनों पाकिस्तान में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच जिस तरह पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारतीय विदेश नीति के नाम तारीफों के कसीदे पढ़े थे, उसे लेकर चौतरफा चर्चा हुई थी। इमरान खान भी भारतीय विदेश नीति के मुरीद हुए हैं। वहीं, उनके अलावा कई अन्य देशों के राष्ट्रध्यक्ष भी भारतीय विदेश नीति के नाम तारीफों के कसीदे पढ़ चुके हैं। वहीं, अगर भारतीय विदेश नीति को संबल करने की दिशा में किसी को श्रेय जाना चाहिए, तो वो हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान देश को विदेश नीति के मोर्चे पर संबल करने हेतु कई ब़ड़े कदम उठाए हैं।

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अब इसी बीच खबर है कि वो तीन दिवसीय यूरोप दौरे पर आगामी 2 मई से रवाना हो रहे हैं। इस दैरान वे जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क की यात्रा करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान वे 25 कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे।इस बीच वे सात राष्ट्रध्यक्षों से भी मुखातिब होंगे। इस बीच वे कई व्यापारियों से भी मुखातिब होंगे और उन्हें भारत में निवेश कहने हेतु उत्साहित करेंगे। सर्वप्रथम पीएम मोदी जर्मनी के लिए रवाना होंगे। इसके बाद डेनमार्क और इसके बाद 4 मई  को पेरिस में रुकेंगे, जहां उनके कई लोगों से मुखातिब होने की योजना है। इस दौरान जर्मनी और भारत के कई  स्थानीय कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें दोनों ही देश अपनी भागीदारी निभाएंगे। पीएम मोदी के दो दिवसीय दौरे को लेकर सियासी समेत वैश्विक गलियारों में चर्चा का बाजार गुलजार है। उनके दौरे को अलग-अलग आईनों से देखे जाने का सिलसिला जारी है।

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बहरहाल, यहां ध्यान देने वाली बात है कि पीएम मोदी ऐसे वक्त में यूरोप दौरे के लिए रवाना हो रहे हैं, जब रूस और यूक्रेन युद्ध का सिलसिला जारी है। तमाम कोशिशों के बावजूद भी युद्ध का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, जर्मनी का  यूक्रेन को लेकर नरम रूख और उसका रूस के प्रति विरोध जगजाहिर है। उधर, भारत की बात की जाए, तो रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत का तटस्थ रुख बरकरार है। अब ऐसी स्थिति में पीएम मोदी द्वारा तीन दिवसीय यूरोप दौरे के दौरान किन मसलों पर चर्चा होती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।