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PM Modi Badrinath Visit: देश के आखिरी गांव से PM मोदी की ललकार, कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों की जमकर लगाई क्लास

अब इसी कड़ी में पीएम मोदी आज यानी की शनिवार को पीएम मोदी उत्तराखंड आए हैं। जहां वे सबसे पहले केदारनाथ पहुंचे जहां उन्होंने सर्वप्रथम गौरीकुंड-केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। 9.7 किलोमीटर का रोपवे बनने के बाद अब घंटों का सफर मात्र आधे घंटे में ही पूरा हो जाएगा, जिसे लेकर सूबे की जनता में हर्ष देखने को मिल रहा है।

नई दिल्ली। हिमचाल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। कभी गुजरात तो कभी हिमाचल प्रदेश के दौरे में पीएम मोदी व्यस्त हैं। अब इसी कड़ी में पीएम मोदी आज यानी की शनिवार को उत्तराखंड आए हैं। जहां वे सबसे पहले केदारनाथ पहुंचे, जहां उन्होंने सर्वप्रथम गौरीकुंड-केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। 9.7 किलोमीटर का रोपवे बनने के बाद अब घंटों का सफर मात्र आधे घंटे में ही पूरा हो जाएगा, जिसे लेकर सूबे की जनता में हर्ष देखने को मिल रहा है।

इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदाकिनी और सरस्वती आस्था का भी निरीक्षण किया। इस बीच पीएम मोदी ने बद्रीनाथ रोपवे की भी नींव रखी। इससे 12.5 किलोमीटर की दूरी मात्र आधे घंटे में तब्दील हो जाएगी। आपको बता दें कि पीएम मोदी के कार्यकाल का यह छठा दौरा है, जिसे मुख्तलिफ चश्मों से देखे जाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। ध्यान रहे कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा चुका है और उम्मीदवारों की सूची भी जारी की जा चुकी है। ऐसी स्थिति में पीएम मोदी का केदारनाथ में हिमाचली वेशभूषा में नजर आना, कई तरह से अहम हो जाता है। आइए, आगे कि रिपोर्ट में हम आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने संबोधन में किए गए मुख्तलिफ विषयों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

जानिए पीएम मोदी का संबोधन.. .! 

पीएम मोदी ने कहा कि, ‘एक संवेदनशील सरकार, गरीबों का दुख-दर्द समझने वाली सरकार कैसे काम करती है, आज देश के हर कोने में लोग अनुभव कर रहे हैं। कोराना काल में जब वैक्सीन लगवाने की बारी आई, अगर पहले की सरकारें होती, तो शायद अभी तक वैक्सीन यहां तक नहीं आता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, ‘ पहले देश के विकास में जिनके योगदान को महत्व नहीं दिया गया, हमने उन्हीं को साथ लेकर प्रगति के महान लक्ष्यों की ओर बढ़ने का संकल्प लिया।

 

उन्होंने  कहा, ‘पहले जिन इलाकों को देश की सीमाओं का अंत मानकर नजरअंदाज किया जाता था, हमने वहां से समृद्धि का आरंभ मानकर काम शुरू किया। पहले देश का आखिरी गांव जानकर जिसकी उपेक्षा की जाती थी, हमने वहां के लोगों की अपेक्षाओं पर फोकस किया।

प्रधानमंत्री ने आगे उत्तर प्रदेश में राम मंदिर निर्माण का जिक्र कर कहा कि, ‘अयोध्या में इतना भव्य राममंदिर बन रहा है, गुजरात के पावागढ़ में मां कालिका के मंदिर से लेकर विन्ध्याचल देवी के कॉरिडोर तक, भारत अपने सांस्कृतिक उत्थान का आह्वान कर रहा है।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि,’विकास के इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए, उत्तराखंड को और देश-विदेश के हर श्रद्धालु को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। गुरुओं की कृपा बनी रहे, बाबा केदार की कृपा बनी रहे, बद्री विशाल की कृपा बनी रहे, हमारे सभी श्रमिक साथियों को भी शक्ति मिले, यही प्रार्थना करते हैं।

वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कई सारगर्भित व प्रसांगिक बातों का जिक्र किया है, जिसमें आज बाबा केदार और बद्री विशाल जी के दर्शन करके मन प्रसन्न हो गया, जीवन धन्य हो गया। माणा गांव, भारत के अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है। लेकिन मेरे लिए सीमा पर बसा हर गांव, देश का पहला गांव है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि, ‘देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर मैंने लाल किले पर एक आवाहन किया,ये आवाहन हैं गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्ति का। ऐसा इसलिए,क्योंकि आजादी के इतने वर्षों बाद भी,हमारे देश को गुलामी की मानसिकता ने ऐसा जकड़ा हुआ है कि प्रगति का कुछ कार्य कुछ लोगों को अपराध की तरह लगता है।

उन्होंने आगे कहा कि, ‘विदेशों में वहां की संस्कृति से जुड़े स्थानों की ये लोग तारीफ करते नहीं थकते थे, लेकिन भारत में इस प्रकार के काम को हेय दृष्टि से देखा जाता था।