नोएडा। दुनिया के विशालतम हवाईअड्डों में से एक “नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा, जेवर” के निर्माण का काम जल्द ही शुरू होने जा रहा है। शनिवार का दिन इस लिहाज से बेहद खास रहा, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में जेवर एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार द्वारा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एनआईएएल) को 1,334 हेक्टेयर जमीन 90 साल की लीज़ पर देने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की गई। साथ ही, एयरपोर्ट विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल (एजी), यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा.लि. और एनआईएएल के बीच शेयर होल्डर अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर भी हुए। अब अगले माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस एयरपोर्ट का शिलान्यास प्रस्तावित है। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब हम लोग जेवर एयरपोर्ट के बारे में चर्चा प्रारंभ की, तो लोगों में एक सकारात्मक संदेश गया था। लेकिन वहां फिर से वही लोग सक्रिय हो गए, जिन लोगों ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना अथॉरिटी के बनते समय बिचौलिया बन करके विकास के कार्यों को बाधित किया था। ऐसे में जिला प्रशासन ने किसानों से सीधे बातचीत की। जेवर एयरपोर्ट परियोजना के अंतर्गत आने वाले सभी गांव के किसानों और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने पूरा सहयोग दिया और अंततः बिना किसी विवाद के भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास का काम पूरा हुआ।
उन्होंने कहा कि यह वही क्षेत्र था जहां विकास परियोजनाओं के लिए गोलियां चलती थीं, जहां पर न केवल कानून व्यवस्था का भीषण संकट था, यहां बड़े-बड़े आंदोलन भी होते थे। लेकिन आज कितने शांतिपूर्ण तरीके से एक बहुत बड़े प्रोजेक्ट को लेकर के राज्य सरकार को सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है। जेवर एयरपोर्ट हमारे लिए भविष्य की संभावनाओं को आगे बढ़ाने का एक बेहतरीन माध्यम है, जो उत्तर प्रदेश को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक होगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की खास बातें
- जनपद गौतमबुद्धनगर के जेवर में नोएडा इन्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का विकास पीपीपी मोड पर कराया जा रहा। इस हेतु आवश्यक अनापत्तियाँ प्राप्त हो चुकी हैं।
- एयरपोर्ट की भूमि से संबंधित परिवारों के पुनर्वासन एवं पुर्नव्यवस्थापन हेतु आवश्यक 48.0970 हेक्टेयर भूमि का अर्जन किया जा चुका है। पुनर्वासन एवं पुर्नव्यवस्थापन का कार्य 99 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुका है।
- वर्ष 2021-22 में इस एयरपोर्ट का निर्माण कार्य प्रारम्भ होकर प्रथम चरण का कार्य तीन वर्षों में पूर्ण होगा। जब यह एयरपोर्ट प्रारम्भ होगा तो 12 मिलियन पैसेन्जर से शुरू होगा जो चरणवार बढ़ कर वर्ष 2040-50 तक बढ़ कर 70 मिलियन हो जाएगा।
- जेवर एयरपोर्ट कार्गो एयरपोर्ट भी है, वर्ष 2040-50 तक 2.6 मिलियन टन कार्गो की क्षमता का विकास होगा। इससे व्यापार और उद्योगों को एक नई दिशा मिलेगी।
- राज्य सरकार द्वारा नोएडा इन्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के रनवे की संख्या 02 से बढ़ाकर 6 किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस निमित्त प्रथम चरण (स्टेज 2) के लिए 1365 एकड़ भूमि के अर्जन की लागत लगभग ₹2890 करोड़ की लागत के सापेक्ष राज्यांश ₹1084 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है।
- जेवर एयरपोर्ट को हाई स्पीड रेल से जोड़े जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है। साथ ही जेवर एयरपोर्ट को इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से सड़क मार्ग द्वारा जोड़े जाने तथा मेट्रो रेल से जोड़े जाने की दिशा में कार्यवाही चल रही है।
- जेवर एयरपोर्ट की स्थापना से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक अवस्थापना का संरचनात्मक विकास होगा, जिससे रोजगार एवं निवेश के अवसर बढ़ेंगे विनिर्माण एवं निर्यात को प्रोत्साहन मिलने के साथ साथ हवाई यातायात सुगम होगा। इससे पर्यटन के क्षेत्र में भी अप्रत्याशित वृद्धि होने की संभावना है।