
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जम्मू कश्मीर को बहुत बड़ी सौगात दी। उन्होंने रियासी जिले में बने दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे ब्रिज का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने देश के पहले केबल-स्टेड अंजी रेल ब्रिज का भी उद्घाटन किया। पीएम ने श्री माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर और श्रीनगर से कटरा के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया। उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने चिनाब रेलवे ब्रिज का निरीक्षण किया और बाद में तिरंगा लेकर ब्रिज पर घूमे। पीएम मोदी ने दुनिया के सबसे ऊंचे पुल पर तिरंगा लहराकर भारत के विरोधियों मुख्य रूप से चीन और पाकिस्तान को बिना कुछ कहे स्पष्ट संदेश दे दिया है।
Jammu and Kashmir: Prime Minister Narendra Modi inaugurates the Chenab Bridge and tours the bridge deck pic.twitter.com/kKIpvDXOEw
— IANS (@ians_india) June 6, 2025
चिनाब नदी पर बना यह ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है। चिनाब ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर (लगभग 1,178 फीट) है और यह दुबई के एफिल टावर से भी ऊंचा है। चिनाब ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक प्रोजेक्ट में यह पुल एक अहम हिस्सा है। इसके जरिए जम्मू से कश्मीर घाटी तक रेल कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव आएगा। वहीं ट्रेन के चलने से स्थानीय लोगों को तो फायदा होगा ही साथ ही पर्यटकों, तीर्थयात्रियों को भी आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा। कटरा से श्रीनगर पहुंचने में अब सिर्फ तीन घंटे का समय लगेगा। 272 किलोमीटर लंबा उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक कश्मीर घाटी के लिए एक वरदान माना जा रहा है। इस दौरान जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिंहा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, केंद्रीय रेल अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह समेत कई गणमान्य मौजूद रहे।
VIDEO | Jammu and Kashmir: Prime Minister Narendra Modi (@narendramodi) visits Chenab Rail Bridge deck. He will inaugurate the bridge shortly.
(Source: Third Party)
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/JMreyXDSty
— Press Trust of India (@PTI_News) June 6, 2025
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पीएम मोदी से कहा, कटरा की इस पावन धरती पर माता वैष्णो देवी के चरणों में आपका फिर से स्वागत है। आज से ठीक 11 वर्ष पहले यही स्थान था, यही मंच था और यही रेलवे का विभाग था और आप कटरा रेल स्टेशन के उद्घाटन के लिए आप यहां पधारे थे। शायद विधाता को यही मंजूर था कि आपके हाथों दुनिया के सबसे ऊंचे रेल के पुल का उद्घाटन हो जो आज हम सबके आंखों का नूर है। ये वही पहाड़ है जहां एक जमाने में आतंकियों की गोली सुनाई देती थी आज वहां रेल का हॉर्न बजता है।