नई दिल्ली। गत शुक्रवार को ओडिशा के बालासोर में हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन बाहानगर मार्केट के पास मालगाड़ी और यशवंतपुर एक्सप्रेस ट्रेन से टकराकर एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे की जद में आकर अब तक 250 से भी अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, तो वहीं घायलों का आंकड़ा 1200 के पार पहुंच चुका है, लेकिन मृतकों के आंकड़े को लेकर सियासी रार तेज हो चुकी है। दरअसल, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर मृतकों की संख्या छुपाने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि मृतकों का आंकड़ा 500 के पार पहुंच चुका है, लेकिन सरकार इसे छुपाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने इसके पीछे तर्क पेश करते हुए कहा कि मौजूदा भयावह परिस्थिति का अंदाजा महज इसी से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में ओडिशा के किसी भी अस्पताल में घायल यात्रियों के उपचार के लिए जगह शेष नहीं है। घायलों को दूसरे राज्यों में ले जाया जा रहा है, जिससे साफ जाहिर होता है कि मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ-साथ घायलों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, लेकिन सरकार इन आंकड़ों को छुपाकर पता नहीं क्या साबित करने का प्रयास कर रही है।
उधर, अब कांग्रस ने भी बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल दागा है। दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस संदर्भ में बाकायदा 9 सवाल मोदी सरकार से पूछे हैं, जिसके बारे में आगे हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए बाकायदा एक उच्चस्तरीय जांच समिति भी गठित की है। उधर, रेलवे की ओर से भी जांच के निर्देश दिए गए हैं। इस बीच पीएम मोदी भी गत शनिवार को हादसे वाली जगह पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने हादसे वाली जगह का निरीक्षण किया था। इस बीच प्रधानमंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि अगर किसी की भी इसमें लापरवाही सामने आई तो उसे बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन विपक्ष की ओर से केंद्र पर लगातार सवाल दागे जा रहे हैं। विपक्ष ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा भी मांगा है।
गत शनिवार को मीडिया ने केंद्रीय रेल से मंत्री से उनके इस्तीफे पर सवाल किया था, लेकिन उन्होंने कुछ भी बताने से साफ इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि पहले हमें बचाव कार्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इन सभी मुद्दों पर बातचीत होती रहेगी। वहीं, अब कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस हादसे पर 9 सवाल केंद्र की मोदी सरकार पर दागे हैं। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
The #OdishaTrainTragedy has now claimed 288 precious lives, 56 people are struggling for life & 747 are seriously injured. It is India’s most devastating train accident.
QUESTION 1. – Who is responsible?
QUESTION 2.?
Should we just pray to God (as PM Modi says) or demand…— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 3, 2023
प्रश्न 1. – कौन जिम्मेदार है?
प्रश्न 2. क्या हमें सिर्फ भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए (जैसा कि पीएम मोदी कहते हैं) या सरकार से जवाब मांगना चाहिए?
प्रश्न 3. क्या मृतकों को महज एक आंकड़ा होना चाहिए या
क्या भारत की सबसे खराब #OdishaTrain त्रासदी के लिए कोई जिम्मेदार है?
उत्तर: मोदी सरकार और खुद रेल मंत्री को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। रेल मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।
9 कारण, 9 प्रश्न
1. प्रारंभिक समाचार रिपोर्टों से पता चलता है कि बालासोर, #OdishaTrainCash सिग्नलिंग प्रणाली की विफलता के कारण हुआ।
लेकिन रेल मंत्री और रेल मंत्रालय सिगनल प्रणाली की विफलता पर दी गई महत्वपूर्ण चेतावनी से अछूते थे।
9 फरवरी, 2023 को; मुख्य परिचालन प्रबंधक, दक्षिण पश्चिम रेलवे ज़ोन ने सिग्नलिंग सिस्टम की विफलता पर लिखा, “सिस्टम में गंभीर खामियां हैं जहां एसएमएस पैनल में रूट के सही दिखने के साथ सिग्नल पर ट्रेन शुरू होने के बाद डिस्पैच का मार्ग बदल जाता है। यह इंटरलॉकिंग के सार और बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।”
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि सिग्नल रखरखाव प्रणाली की निगरानी नहीं की गई और इसे तुरंत ठीक नहीं किया गया, तो इससे “पुनरावृत्ति और गंभीर दुर्घटनाएं” हो सकती हैं।
रेल मंत्री और रेल मंत्रालय बेपरवाह या अनभिज्ञ या लापरवाह क्यों थे?
2. हाल ही में कई मालगाड़ियों के पटरी से उतर जाने, जहां कई लोको पायलटों की मृत्यु हो गई और वैगन नष्ट हो गए, रेल सुरक्षा की कमी पर पर्याप्त अलार्म नहीं उठाया, जिससे मंत्री और रेल मंत्रालय को उचित उपाय करने के लिए मजबूर होना पड़ा?
3. क्या यह सही है कि रेल मंत्री को रेल सुरक्षा पर ध्यान देने के बजाय मार्केटिंग और प्रधान मंत्री को खुश करने पर अधिक ध्यान देना है?
क्या रेल मंत्री भी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के कठिन काम को देखने के बजाय प्रधानमंत्री से वंदे भारत ट्रेनें शुरू कराने, रेलवे स्टेशनों के नवीनीकरण (उनकी तस्वीरें ट्वीट करने) और राजस्व बढ़ाने में व्यस्त हैं?
क्या यही कारण है कि रेल मंत्री ने 2 जून, 2023 को चिंतन शिविर (#OdishaTrainAccident से कुछ घंटे पहले) में रेलवे सुरक्षा पर प्रस्तुति को बड़े पैमाने पर छोड़ दिया और वंदे भारत ट्रेनों के लॉन्च और राजस्व में वृद्धि पर ध्यान केंद्रित किया?
4. क्या “रेलवे सुरक्षा” की बढ़ती चूक आवश्यक मानव संसाधन – गैंगमैन, स्टेशन मास्टर, लोको पायलट आदि जैसे पैदल सैनिकों की कमी के कारण नहीं है?
क्या यह सही नहीं है कि रेलवे द्वारा दिए गए एक आरटीआई जवाब के अनुसार 39 रेलवे जोनों में से अधिकांश के पास आवश्यक मानव संसाधन की कमी है?
क्या यह सही नहीं है कि रेलवे में ग्रुप सी के 3,11,000 पद खाली हैं जिससे रेल सुरक्षा के साथ-साथ परिचालन क्षमता भी खतरे में है?
क्या यह सही नहीं है कि रेलवे में 18,881 राजपत्रित संवर्ग के पदों में से 3,081 पद खाली पड़े हैं?
कर्मचारियों की गैरमौजूदगी में प्रभावी व सुरक्षित संचालन कैसे संभव है?
5. क्या यह सही नहीं है कि पिछले वर्ष ऐसी 35 दुर्घटनाओं की तुलना में वर्ष 2022-23 में 48 “परिणामस्वरूप ट्रेन दुर्घटनाएँ” (जान, संपत्ति आदि के नुकसान के मामले में गंभीर परिणाम वाली रेल दुर्घटनाएँ) देखी गईं?
क्या यह सही नहीं है कि वर्ष 2022-23 में 165 “गैर-परिणामी ट्रेन दुर्घटनाएँ” हुईं, जिनमें “सिग्नल खतरे में पड़ने वाले – एसपीएडी” के 35 मामले शामिल हैं?
इसने रेल सुरक्षा पर गंभीर चेतावनी क्यों नहीं दी?
क्या निवारक उपाय किए गए?
6. “ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली – टीसीएएस” जिसे कवच कहा जाता है, रेलवे जोन में क्यों लागू नहीं किया गया है?
क्या यह सही नहीं है कि रेल नेटवर्क का केवल 2% यानी 68,000 रेलवे नेटवर्क में से 1,450 किलोमीटर कवच द्वारा कवर किया गया है?
रेल सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी?
7. रेल मंत्रालय ने “रेल सुरक्षा आयोग” की शक्तियों में कटौती करके उसे बेमानी क्यों बना दिया है?
8. क्या यह सही नहीं है कि CAG रिपोर्ट 2021 में बताया गया है कि “राष्ट्रीय रेल सुरक्षा फंड” का 20% गैर-सुरक्षा उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया गया था और पर्याप्त राशि का उपयोग नहीं किया गया था?
क्या यह जानबूझकर की गई चूक नहीं है?
9. रेल मंत्री पर आईटी और टेलीकॉम जैसे बड़े मंत्रालयों का बोझ क्यों है, जो रेलवे को गौण काम बना रहे हैं और सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं?