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Narendra Giri Death Case: नरेंद्र गिरी मौत मामले में आरोपी का पॉलीग्राफ टेस्ट खारिज

Narendra Giri Death Case: महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने तीन आरोपियों आनंद गिरि, आद्या प्रसाद और उनके बेटे संदीप तिवारी के पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सीबीआई की अर्जी खारिज कर दी है।

प्रयागराज। महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने तीन आरोपियों आनंद गिरि, आद्या प्रसाद और उनके बेटे संदीप तिवारी के पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सीबीआई की अर्जी खारिज कर दी है। आरोपी ने परीक्षण के लिए अपनी सहमति नहीं दी, जिसके बाद अर्जी को खारिज कर दिया गया। हालांकि, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरेंद्र नाथ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अनुरोध पर तीनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत 30 अक्टूबर तक बढ़ा दी, जो मामले में सुनवाई की अगली तारीख भी है।

नरेंद्र गिरि मौत मामले के सभी आरोपी सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेल से पेश हुए और पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सहमति देने से इनकार करते हुए आरोप लगाया कि सीबीआई ने यह अर्जी सिर्फ उन्हें परेशान करने के लिए दाखिल की है। चूंकि इस परीक्षण को करने के लिए आरोपी की सहमति आवश्यक है, इसलिए सीजेएम कोर्ट ने सीबीआई के आवेदन को खारिज कर दिया।

Mahant Narendra giri

सीबीआई ने अपने आवेदन में अखिल भारतीय अखाड़े के पूर्व प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल में बंद आनंद गिरी, आद्या प्रसाद और उनके बेटे संदीप तिवारी के पॉलीग्राफ टेस्ट का आदेश देने का अनुरोध सीजेएम अदालत से किया था। सीबीआई ने अपने आवेदन में उक्त मामले के संबंध में चल रही पूछताछ के संबंध में सच्चाई जानने के लिए आरोपी के पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति मांगी थी।

आरोपी के वकील ने भी परीक्षण का विरोध करने के लिए एक आवेदन दिया। गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरि का शव 20 सितंबर 2021 को प्रयागराज के बाघंबरी मठ में एक कमरे की छत से लटका मिला था। महंत ने अपने सुसाइड नोट में तीनों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था।

तीनों आरोपियों के खिलाफ प्रयागराज के जॉर्ज टाउन पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद आनंद गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को गिरफ्तार किया गया। बाद में राज्य सरकार की सिफारिश पर मामले की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर कर दी गई।