नई दिल्ली/लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण देने के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए योगी सरकार के पक्ष में बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव को लेकर योगी सरकार द्वारा बनाए गए ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार्य कर लिया है। साथ ही कोर्ट ने दो दिनों के भीतर निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी करने की इजाजत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से निकाय चुनाव में ओबीसी के आरक्षण को बाधित करने के विपक्ष के मंसूबों को करारा झटका लगा है।
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आयोग की रिपोर्ट स्वीकार कर ओबीसी आरक्षण के साथ नगरीय निकाय चुनाव कराने का आदेश स्वागत योग्य है। सीएम योगी ने कहा कि सरकार ओबीसी आरक्षण हेतु प्रतिबद्ध थी एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये समय सीमा के भीतर ही सारी कार्यवाही कर ली। उन्होंने कहा कि विधि सम्मत तरीके से आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार समयबद्ध ढंग से नगरीय निकाय चुनाव कराने हेतु प्रतिबद्ध है।
माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा OBC आयोग की रिपोर्ट स्वीकार कर OBC आरक्षण के साथ नगरीय निकाय चुनाव कराने का आदेश स्वागत योग्य है।
विधि सम्मत तरीके से आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार समयबद्ध ढंग से नगरीय निकाय चुनाव कराने हेतु प्रतिबद्ध है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 27, 2023
बता दें कि निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर विपक्ष के लोगों ने बैकडोर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करवाई थी और सरकार के निर्णय को प्रभावित करने की कोशिश की थी। मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के तत्काल निकाय चुनाव कराने का निर्णय दिया था, जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया था कि प्रदेश सरकार दलित, पिछड़ा समेत समाज के सभी वर्गों के लिए समर्पित है। बिना भेदभाव के सबका साथ-सबका विकास की भावना के साथ कार्य कर रही है। हम बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं कराएंगे।
इसके बाद सरकार ने ओबीसी आयोग का गठन किया था और हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। जिस पर 27 मार्च को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के तत्काल चुनाव कराने के आदेश पर रोक लगाते हुए ओबीसी आरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए गठित आयोग को 31 मार्च के भीतर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने अपना कार्य करना शुरू कर दिया।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 75 जिलों का दौरा किया और सर्वे के बाद नौ मार्च को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। वहीं आयोग की रिपोर्ट और सिफारिशों को सरकार ने 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया था। जिस पर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के पक्ष में फैसला दिया है और आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार्य कर लिया है। साथ ही ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की अनुमति दे दी है।