नई दिल्ली। संभल हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि आरोपियों की पहचान करके उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके लिए दंगाइयों और पत्थरबाजों की सीसीटीवी और वीडियो के जरिए पहचान करके उनके पोस्टर जगह-जगह लगाए जाएं। इतना ही नहीं पत्थरबाजी और आगजनी की घटना में सार्वजनिक सम्पत्ति का जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई भी इन दंगाइयों से की जाएगी। योगी सरकार के इस फरमान के बाद दंगाइयों को पकड़ने का पुलिस का एक्शन और तेज हो सकता है। पुलिस का कहना है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
Sambhal, UP: DIG Muniraj says, “Yesterday, many shops opened, and everyone was going about their work. Schools reopened, and people were moving around. The crowd in the markets also increased. We have been continuously engaging with the public and making repeated appeals that the… pic.twitter.com/rfYsvRINfz
— IANS (@ians_india) November 27, 2024
मुरादाबाद रेंज के डीआईजी मुनिराज ने कहा कि वीडियो और फोटो के आधार पर ही दोषियों को चिह्नित किया जा रहा है। हम लगातार जनता से जुड़ रहे हैं और बार-बार अपील कर रहे हैं कि पुलिस किसी भी निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। हालांकि, पथराव में शामिल लोगों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा। 100 से ज्यादा लोगों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। संभल के मौजूदा हालात के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों में संभल में बहुत अच्छा माहौल है। स्कूल फिर से खुल गए हैं, और लोग घर से बाहर निकल रहे हैं। बाजारों में भी भीड़ बढ़ गई। कल भी कई दुकानें खुलीं थीं, और हर कोई अपने काम पर जा रहा है।
आपको बता दें कि संभल पुलिस ने इस हिंसा मामले में संभल के सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए उनके खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है। विधायक नवाब इकबाल के बेटे सुहेल इकबाल को भी पुलिस ने आरोपी बनाया है। इन दोनों पर उपद्रव की साजिश रचने और लोगों को हिंसा के लिए भड़काने का आरोप है। इससे अतिरिक्त लगभग 800 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है।